नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने करीब 22,842 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड कंपनी के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल तथा आठ अन्य लोगों के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किया है.
एजेंसी ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि आरोपियों के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ (एलओसी) पहले ही सीबीआई द्वारा जारी किए जा चुके हैं.
एजेंसी ने कहा कि आरोपी भारत में हैं. अधिकारियों ने बताया कि मामले के आरोपी देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकें, इसके लिए नोटिस जारी किए गए हैं.
भारतीय स्टेट बैंक ने भी 2019 में मुख्य आरोपी के खिलाफ एलओसी प्रक्रिया शुरू की थी.
सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल व अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक समूह (कंसोर्टियम) के साथ करीब 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है.
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया तथा एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और पद के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं. ये आरोप भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत लगाए गए हैं.
सीबीआई ने अपनी जांच जारी रखते हुए 12 फरवरी को 13 स्थानों पर छापेमारी की थी.
अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें कई ठोस दस्तावेज मिले हैं, जिनमें कंपनी के खाते शामिल हैं और उनकी जांच की जा रही है.
बैंक ने सबसे पहले आठ नवंबर, 2019 को एक शिकायत दर्ज करायी, जिस पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण देने को कहा था.
बैंक ने उसी साल अगस्त में एक नयी शिकायत दर्ज करायी थी. सीबीआई ने डेढ़ साल से अधिक समय तक ‘जांच’ करने के बाद शिकायत पर कार्रवाई की तथा सात फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज की.
उन्होंने कहा कि ‘अर्न्स्ट एंड यंग’ द्वारा किए गए ‘फोरेंसिक ऑडिट’ से पता चला है कि 2012-17 के बीच, आरोपियों ने मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों में शामिल हुए.
यह सीबीआई द्वारा दर्ज बैंक धोखाधड़ी का सबसे बड़ा मामला है. एजेंसी के अनुसार कि कोष का इस्तेमाल बैंकों द्वारा जारी किए गए उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया.
भाषा अविनाश दिलीप
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