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Sunday, 12 January, 2025
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सूचीबद्ध कंपनियों में चेयरपर्सन, प्रबंध निदेशक का पद अलग करना अब स्वैच्छिक होगा: सेबी

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नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों में चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पदों को अलग-अलग करना अब अनिवार्य नहीं होगा। इसे स्वैच्छिक आधार पर लागू किया जाएगा।

शीर्ष 500 सूचीबद्ध इकाइयों के लिये चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी पदों को अप्रैल, 2022 की समयसीमा से पहले अलग करना अनिवार्य था।

सेबी का यह निर्णय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान के बाद आया है। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अगर भारतीय कंपनियों के इस मामले में कोई विचार हैं, तो नियामक को इस पर गौर करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह साफ किया था कि वह कोई निर्देश नहीं दे रही हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने ताजा निर्णय के पीछे कारण अबतक अनुपालन का संतोषजनक नहीं होना बताया।

सेबी ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सेबी निदेशक मंडल ने यह निर्णय किया है कि सूचीबद्ध इकाइयों के लिये पदों को अलग करने का प्रावधान अनिवार्य की जगह स्वैच्छिक होगा।’’

शुरू में सूचीबद्ध इकाइयों को चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पदों को एक अप्रैल, 2020 से अलग करने की जरूरत थी। हालांकि, उद्योग के प्रतिवेदनों पर गौर करते हुए अनुपालन के लिये दो साल का अतिरिक्त समय दिया गया।

नियामक ने कहा, ‘‘यह प्रावधान कंपनी संचालन स्तर में सुधार से जुड़ा था। लेकिन अबतक अनुपालन संतोषजनक नहीं पाये जाने, विभिन्न प्रतिवेदन प्राप्त होने, मौजूदा महामारी के कारण बाधाएं और कंपनियों को सुगम तरीके से बदलाव का मौका देने जैसी बातों पर विचार करते हुए सेबी बोर्ड ने यह निर्णय किया है कि सूचीबद्ध इकाइयों के लिये पदों को अलग करने का प्रावधान अनिवार्य की जगह स्वैच्छिक होगा।’’

सेबी के अनुसार, प्रमुख 500 सूचीबद्ध कंपनियों में सितंबर, 2019 की स्थिति के अनुसार अनुपालन स्तर 50.4 था जो 31 दिसंबर, 2021 तक 54 प्रतिशत ही पहुंचा।

यह नियम सेबी द्वारा कंपनी संचालन पर नियुक्त उदय कोटक की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है।

सेबी निदेशक मंडल ने वैकल्पिक निवेश कोष में संशोधन को भी मंजूरी दी और ‘सुरक्षा कवर’, क्रेडिट रेटिंग के खुलासे और जांच-परख प्रमाण पत्र के लिये नियामकीय ढांचे को उसके अनुरूप बनाने का निर्णय किया।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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