नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) वाहन और गाड़ियों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के लिये उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से अगले पांच साल में 7.5 लाख अतिरिक्त रोजगार और उत्पादन में 2,31,500 करोड़ रुपये की वृद्धि होने की संभावना है।
भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव अरूण गोयल ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘हमने जिन 20 कंपनियों को वाहन क्षेत्र की पीएलआई योजना के लिए चुना है, उन्होंने 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। हमारी योजना 25,938 करोड़ रुपये की है, इसलिए हमें उम्मीद है कि इससे 2,31,500 करोड़ रुपये मूल्य का उत्पादन बढ़ेगा।’’
वाहन और गाड़ियों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों के लिये घोषित पीएलआई योजना के तहत फोर्ड, टाटा मोटर्स, सुजुकी, हुंदै, किआ और महिंद्रा एंड महिंद्रा समेत 20 कंपनियां प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र होंगी।
चैंपियन मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदकों को चुना गया है।
सचिव ने कहा कि इसमें ‘मेड इन इंडिया’ पर जोर है। इसमें शर्त है कि मूल्यवर्धन का कम से कम 50 प्रतिशत घरेलू स्तर पर किया जाना चाहिए। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इसीलिए हमारा अनुमान है कि इस योजना से अगले पांच साल में 7.5 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजित होंगे।
भाषा रमण प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.