भुवनेश्वर, 13 फरवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने रविवार को कहा कि उन्हें आशा है कि केंद्र ओडिशा के मयूरभंज जिले में अभी बंद पड़ी अर्मदा रोड हवाई पट्टी को आधुनिक हवाई अड्डे में तब्दील करने को अपनी मंजूरी देगा।
यह हवाई पट्टी द्वितीय विश्वयुद्ध में उपयोग में लायी गयी थी। इसकी बहाली की जोरदार वकालत करते हुए टूडू ने कहा कि यह हवाई पट्टी राज्य की राजधानी से 225 किलोमीटर और कालीकुंड वायुसेना स्टेशन से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर है, इसलिए उसका वाणिज्यिक एवं रक्षा उद्देश्यों के लिए उपयेाग किया जा सकता है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैंने यह मामला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नागर विमानन मंत्रालय ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने उठाया है। दोनों को ही यह जगह आधुनिक हवाई अड्डे के लिए सटीक लगी क्योंकि इसकी स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।’’
केंद्रीय जनजातीय मामले एवं जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के विशेषज्ञों का एक दल इस स्थान का दौरा भी कर चुका है और ‘‘ हमें आशा है कि संबंधित प्रशासन शीघ्र ही अनापत्ति प्रमाणपत्र देगा। ’’
उन्होंने कहा कि रासगोविंदपुर में 1000 एकड़ जमीन रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है और उसे नागर विमानन मंत्रालय को सौंपे जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अर्मदा रोड हवाई पट्टी हवाई अड्डे में तब्दील हो जाने के बाद उत्तरी ओडिशा, दक्षिण बंगाल और पूर्वी झारखंड के करीब 82 लाख लोगों को अपनी सेवा देगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डा बालेश्वर जिले के चांदीपुर में समेकित परीक्षण रेंज में अहम संस्थानों तथा पश्चिम बंगाल के आईआईटी खड़गपुर की जरूरतें भी पूरा करेगा।
युद्ध इतिहासकार अनिल धीर ने कहा कि रासगोविंदपुर हवाई पट्टी( यह अभी इसी नाम से जाना जाता है) का संक्षिप्त लेकिन ‘गुप्त शानदार इतिहास’ है जिसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया , वहां एशिया में सबसे लंबा यानी साढ़े तीन किलोमीटर से भी अधिक लंबा रनवे है।
भाषा राजकुमार संतोष
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