नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) कांग्रेस की छात्र एवं युवा इकाई के सदस्यों ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के उस बयान के खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन किया जिसमें उन्होंने राहुल गांधी से पूछा था कि क्या भाजपा ने उनसे यह साबित करने के लिये कहा है कि वह राजीव गांधी के पुत्र हैं।
उत्तराखंड में शुक्रवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सरमा ने गांधी पर, सितंबर 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने और कोविड-19 रोधी टीके के प्रभाव पर सवाल उठाने के लिए निशाना साधा था।
मुख्यमंत्री ने पूछा था कि क्या भाजपा ने कभी उनसे (राहुल) “पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बेटा” होने का सबूत मांगा।
भारतीय युवक कांग्रेस (आईवाईसी) संगठन के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने असम भवन के पास विरोध प्रदर्शन किया, जबकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ ने अपने राष्ट्रीय कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
श्रीनिवास ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा, ‘‘असम के मुख्यमंत्री सरमा ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और उनका बयान उनकी क्षुद्रता और ओछी सोच का एक उदाहरण है।’’
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) ने यहां अपने मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और कार्यकर्ताओं को सरमा के पुतले पर स्याही पोतते तथा उनके खिलाफ नारे लगाते देखा गया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सरमा से माफी मांगने और पद से इस्तीफा देने की मांग की।
मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव नीतीश गौड़ ने कहा, “मुख्यमंत्री ने बेहद निंदनीय बयान दिया है। यह भारत के (पूर्व) प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का अपमान है।”
उन्होंने कहा, “ऐसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसे बयान की अपेक्षा नहीं की जाती। ऐसे बयान पर उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।”
सरमा के बयान की कांग्रेस पार्टी ने भी तीखी आलोचना की है । असम में कांग्रेस ने शुक्रवार को सरमा पर अपने विवादित बयान से राज्य की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
भाषा रंजन रंजन उमा
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