नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने भ्रष्टाचार की शिकायतों से निपटने की अपनी नीति में “कुछ कमियों” की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। आयोग के पास वर्तमान में शिकायतकर्ताओं को उनकी शिकायतों की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
आयोग ने एक आदेश में कहा कि सीवीसी के सचिव पी डेनियल की अध्यक्षता में समिति आवश्यक कार्रवाई के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारियों (सीवीओ) को भेजी गई शिकायतों के संबंध में “जड़ से” समाधान प्राप्त करने के लिए शिकायत प्रबंधन नीति के तहत दिशानिर्देशों में संशोधन के लिए सिफारिशें करेगी।
आयोग को हर साल विभिन्न स्रोतों से औसतन 25 हजार से ज्यादा शिकायतें प्राप्त होती हैं।
आयोग ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिये एक समर्पित पोर्टल भी विकसित किया है।
इसमें कहा गया कि शिकायतें प्राप्त होने पर, आयोग यह निर्णय लेता है कि “अज्ञात/छद्मनाम शिकायतें दर्ज करे” या “संबंधित संगठन के सीवीओ से तथ्यात्मक रिपोर्ट की मांग करें, जहां शिकायतों में लगाए गए आरोप सतर्कता के लिहाज से गंभीर कदाचार के संकेत देते हैं, लेकिन शिकायतकर्ता द्वारा पर्याप्त जानकारी प्रदान नहीं की गई है।”
आदेश में कहा गया कि आगे की कार्रवाई सीवीओ से तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद की जाती है।
शिकायतों की प्राप्ति पर सीवीसी भी इसे जांच के लिए सीवीओ को भेजने और रिपोर्ट आयोग को सौंपने को कहता है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है।
किसी भी परिभाषित श्रेणी में नहीं आने वाली शिकायतों को आवश्यक कार्रवाई के लिए सीवीओ को भेजा जाता है और उन्हें उनके द्वारा ही निस्तारित किया जाता है।
आयोग को उन शिकायतों के मामलों में की गई कार्रवाई के संबंध में शिकायतकर्ताओं से पत्र प्राप्त होता रहा है, जिनका निर्णय केवल मुख्य सतर्कता अधिकारियों द्वारा किया जाना है।
आदेश में कहा गया, “शिकायतकर्ताओं की मुख्य शिकायत संबंधित सीवीओ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने की है। चूंकि, संबंधित सीवीओ को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई शिकायतों के संबंध में, आगे की सभी कार्रवाई सीवीओ के स्तर पर ही की जानी है, आयोग के पास शिकायतकर्ता के संपर्क करने पर उनको उनकी शिकायतों की स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए कोई तंत्र उपलब्ध नहीं है।”
भाषा
प्रशांत दिलीप
दिलीप
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