काबुल: (अफगानिस्तान): अफगानिस्तान में तालिबान ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को अफगानिस्तान लौटने की अपील की, जो पिछले अगस्त में संगठन के सत्ता में आने के बाद देश छोड़कर भाग गए थे. शुक्रवार को एक मीडिया के जरिए यह जानकारी सामने आई है.
शुक्रवार को राष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित एक आधिकारिक बयान में, संगठन ने देश के पुनर्निर्माण और वैज्ञानिक विकास में योगदान देने में मदद मांगी.
एरियाना न्यूज बयान के मुताबिक, ‘अफगानिस्तान सभी एथनिक समूहों का आम घर है और हम उनके विकास के प्रति जिम्मेदार हैं. तरक्की के अभाव में, देश की शिक्षा व्यवस्था नाकाफी है. इसके अनुसार, उच्च शिक्षा मंत्रालय उन सभी प्रोफेसरों को आमंत्रित करता है जो देश छोड़ चुके हैं.’
बयान में दावा किया गया है कि नए शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए आवंटन के साथ, अफगानिस्तान में सरकार देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनी पॉलिसी के हिस्से के तौर पर शिक्षा पर ध्यान केंद्रित दे रही है.
बयान में कहा गया है, ‘हम उन कैडरों से कहते हैं जो वतन छोड़कर गए हैं लौटें अपने समर्पित पेशे को जारी रखने और देश की वैज्ञानिक विकास में योगदान दें. उच्च शिक्षा मंत्रालय इन प्रोफेसरों के सभी आध्यात्मिक और आर्थिक लाभों का भुगतान करने का उत्तरदायित्व लेता है.’
तालिबान ने पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में सत्ता संभाली थी. एक महीने बाद, उन्होंने एक अंतरिम सरकार का गठन किया था जिसे अभी तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता मिलना बाकी है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक, पड़ोसी देश पाकिस्तान में पंजीकृत अफगान शरणार्थियों की संख्या 1.4 मिलियन से अधिक हो गई है, अकेले ईरान ने 780,000 रजिस्टर्ड अफगानी हैं और 2.25 मिलियन अवैध शरणार्थियों को शरण दी है.