नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) भारत का पहला स्वदेशी एमआरएनए कोविड-19 टीका वर्तमान में अंतिम नैदानिक परीक्षण चरणों में है। सरकार ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स द्वारा पूरी तरह से भारत में विकसित एक टीका अंतिम नैदानिक परीक्षण चरण में है।
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह उस सीमा तक पहुंच जाएगा जिसके तहत इसका इस्तेमाल किसी दिन आपातकालीन और नियमित स्थितियों के तहत किया जा सकता है।”
अधिकारी ने कहा कि टीके को सामान्य ‘शीत श्रृंखला’ (कोल्ड चेन) स्थितियों में संग्रहित किया जा सकता है और इसका परिवहन भी किया जा सकता है जो एक “बड़ी बात” है।
उन्होंने कहा, “तो हमारे पास एक उम्मीदवार है। उन्होंने इसमें आगे आने वाले ओमीक्रोन स्वरूप के लिहाज से भी सुधार किया है। हमें एमआरएनए मंच की जरूरत है क्योंकि यह एक नया मंच है और यह दिखाया गया है कि कम से कम कोरोनावायरस के लिए इन मंचों पर विकसित टीके दुनिया भर में प्रभावी रहे हैं।”
पॉल ने कहा, “कोविड-19 और ओमीक्रोन के मद्देनजर भारत का वैक्सीन मंच होना तो अहम है ही, अन्य बीमारियों के लिए भी यह महत्वपूर्ण है जिसके लिए हम अब भी सस्ते, प्रभावी और स्थायी टीकों की तलाश कर रहे हैं, इसलिए हम इस मंच को संजोते हैं और हम इस दिशा में जाने के लिये कंपनी और समूह की प्रशंसा करते हैं। एक मंच के रूप में, यह निकट भविष्य में और उसके बाद भी महत्वपूर्ण होगा।”
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प्रशांत उमा
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