मुंबई, 10 फरवरी (भाषा) ब्याज दरों में लंबे समय से कोई परिवर्तन नहीं करने और उदार रुख कायम रखने जैसे कदमों का बचाव करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि आज के समय में ‘‘मौद्रिक और राजकोषीय नीति को अलग करके नहीं देखा जा सकता’’ बल्कि इनमें ‘‘तालमेल’’ होना आवश्यक है।
रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार10वीं बार कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर बरकरार रखा। साथ ही मुद्रास्फीति की ऊंची दर के बीच नीतिगत मामले में उदार रुख को कायम रखा। एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) ने रिवर्स रेपो दर को भी 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है।
वृद्धि में असमानता को रेखांकित करते हुए और इसे कुछ और समर्थन की जरूरत का जिक्र करते हुए दास ने कहा कि ‘‘यह मौद्रिक नीति और रोजकोषीय नीति में किसी एक का सवाल नहीं है बल्कि इनमें तालमेल होना चाहिए विशेषकर ऐसे दौर में जिससे हम बीते दो वर्ष से गुजर रहे हैं।’’
दास से पूछा गया कि क्या भारत का केंद्रीय बैंक अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों से पिछड़ गया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रुख बिलकुल स्पष्ट है। हमारा आकलन हमारी उभरती घरेलू स्थिति के अनुरूप है, जो अन्य केंद्रीय बैंकों से बहुत अलग है।’’
दुनियाभर के कई केंद्रीय बैंक बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच आक्रामक मौद्रिक नीति दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं।
दास ने कहा कि वृद्धि की रफ्तार निश्चित ही बहुत सकारात्मक है।
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मानसी अजय
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