जयपुर, 10 फरवरी (भाषा) राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही चार बार और अंतत: कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही के दौरान भाजपा एवं सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्य आमने सामने आ गए और सदन ने चार भाजपा विधायकों को सत्र की शेष अवधि से निलंबित कर दिया।
भाजपा राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 में कथित गड़बड़ी की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रही है। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई भाजपा विधायक अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए। भाजपा विधायक ‘रीट की सीबीआई जांच करवाओ’ लिखी तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे और उन्होंने बांह पर काली पट्टी भी बांध रखी थी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने विपक्ष के सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने की अपील की और कहा कि विपक्ष को शून्य काल में मौका दिया जाएगा। जोशी ने कहा कि वह सरकार से शून्य काल में बयान देने को कहेंगे लेकिन ऐसा विपक्ष के कहने पर नहीं करेंगे।
उन्होंने विपक्ष के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष समेत सबको अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन विपक्ष सदन की कार्यवाही पर अपनी मर्जी थोप नहीं सकता। उन्होंने कहा,‘‘आप यह जो गलत परंपरा डाल रहे हैं और उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।’’
इसके बाद विपक्ष के हंगामे एवं नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही हुई। भाजपा विधायक उसमें शामिल नहीं हुए। प्रश्नकाल पूरा होने पर विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। सदन जब दुबारा बैठा तो भाजपा विधायकों ने अपनी मांग के समर्थन में हंगामा जारी रखा। अध्यक्ष ने कुछ जरूरी विधायी कार्य पूरा करवाने के बाद सदन दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। दो बजे कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में वही हालत रही और आसन ने कार्यवाही एक बार फिर तीन बजे तक स्थगित कर दी।
तीन बजे सदन बैठा तो राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस शुरू हुई। हालांकि भाजपा के सदस्य आसन के सामने नारेबाजी करते रहे और तख्तियां लहराते रहे। इसी दौरान जब माकपा के बलवान पूनियां बोल रहे थे तो हंगामा बढ़ गया। भाजपा के कई विधायक पूनियां के पास पहुंच गए और उनके सामने आने की कोशिश की। आसन ने इस पर आपत्ति जताते हुए भाजपा विधायकों को फटकार लगाई और कहा कि वे इस तरह का आचरण न करे। इस दौरान भाजपा एवं कांग्रेस के विधायक आमने सामने आ गए, धक्का-मुक्की की नौबत आ गई तो आसन ने सदन की कार्यवाही फिर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
फिर जब सदन जुटा तो संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रस्ताव रखा कि माकपा विधायक बलवान पूनियां के संबोधन के दौरान उन्हें बाधित करने वाले भाजपा विधायक रामलाल, मदन दिलावर, अविनाश गहलोत व चंद्रभान सिंह आक्या को सत्र की शेष अवधि से निलंबित किया जाए।
सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा कि उन्होंने विपक्ष का ऐसा मर्यादाहीन आचरण आज तक नहीं देखा और उन्होंने भाजपा के उक्त चारों विधायकों को बाहर जाने को कहा। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस आगे बढ़ी और विधायक पूनियां बोले। हालांकि भाजपा विधायकों ने हंगामा जारी रखा। आसन ने शाम पांच बजे अंतत: कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतीश पूनियां ने ट्वीट किया, ‘‘आज सदन का दिन सत्ता पक्ष ने कलंकित किया,रीट परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर लोकतांत्रिक विरोध कर रहे भाजपा (विपक्ष) के सदस्यों के साथ धक्का मुक्की की और मातृशक्ति की मौजूदगी में मंत्रियों ने भद्दी गाली-गलौज की। जाहिर है रीट की चोरी पकड़े जाने पर कांग्रेस बौखला गई है।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार पिछले साल आयोजित हुई रीट परीक्षा की लेवल 2 परीक्षा रद्द कर दी है और मामले की जांच पुलिस का विशेष बल कर रहा है। सुबह प्रश्नकाल के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने एक सवाल के जवाब में सदन को बताया कि पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार एक कानून का मसौदा तैयार कर रही है जिसमें ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे और यह इस विधेयक को मौजूदा सत्र में ही पेश किया जाएगा।
बजट सत्र की शुरुआत बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण से हुई थी। इस दौरान भी भाजपा के विधायक ‘रीट की सीबीआई जांच करवाओ’ के बैनर लिए खड़े रहे।
भाषा पृथ्वी राजकुमार
राजकुमार
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