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Thursday, 26 December, 2024
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पीएमएलए मामला : ‘‘यांत्रिक तरीके’’ से ईसीआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से कहा

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नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय में बुधवार को याचिकाकर्ताओं ने कहा कि प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) ‘‘यांत्रिक तरीके से’’ दर्ज नहीं की जा सकतीं क्योंकि पीएमएलए के तहत मामलों के लिए धन शोधन के कृत्य और अपराध से अर्जित आय को बेदाग के रूप में दिखाने के कुछ संकेत होने चाहिए।

शीर्ष अदालत धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की व्याख्या से संबंधित याचिकाओं पर विचार कर रही है।

कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ से कहा कि जब तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से धन शोधन की कुछ सामग्री या संकेत नहीं मिलते हैं, तब तक पीएमएलए के तहत अपराध के लिए ईडी में दर्ज ईसीआईआर से किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी का खतरा नहीं होना चाहिए।

रोहतगी ने पीठ से कहा, ‘‘क्या यह इस कानून का उचित क्रियान्वयन है कि पीएमएलए प्राधिकार एक ईसीआईआर पंजीकृत करते हैं, जो प्राथमिकी की कार्बन कॉपी है? वे कोई प्रारंभिक जांच नहीं करते हैं।’’

वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि सीबीआई या पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के उसी दिन या अगले दिन ईसीआईआर दर्ज करने का कार्य, बिना कुछ और किए गिरफ्तारी की आशंका के साथ पीएमएलए के तहत मामले की जांच का विस्तार करना कानून का उचित क्रियान्वयन नहीं है।

उन्होंने कहा कि पीएमएलए की आवश्यकता तब होनी चाहिए जब धन शोधन के कृत्य का कुछ संकेत हो यानी अपराध की आय को बेदाग के रूप में पेश किया गया हो। उन्होंने कहा, ‘‘जब तक यह सीबीआई की प्राथमिकी या पुलिस प्राथमिकी से नहीं मिलता, आप ईसीआईआर शुरू नहीं कर सकते, जांच शुरू नहीं कर सकते और गिरफ्तारी की धमकी नहीं दे सकते।’’

रोहतगी ने पीठ से कहा, ‘‘मैं यह कहना चाह रहा हूं कि ईसीआईआर यांत्रिक तरीके से दर्ज नहीं की जा सकती है।’’

मामले में बृहस्पतिवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। रोहतगी ने कहा कि कई मामलों में ऐसा हो रहा है कि सीबीआई एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही है जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज ईसीआईआर में व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है। उन्होंने कहा कि सीबीआई के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार होने के बाद जमानत मिल सकती है, लेकिन ईडी की ईसीआईआर में वह पीएमएलए की धारा 45 के तहत दोहरी शर्तों के कारण जमानत हासिल करने में असमर्थ होता है।

भाषा आशीष अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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