नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) किसी करदाता को एक आकलन वर्ष में सिर्फ एक बार अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) को अद्यतन (अपडेट) करने की अनुमति होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन जे बी महापात्र ने बुधवार को यह जानकारी दी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापात्र ने कहा कि इस प्रावधान का मकसद उन लोगों को रिटर्न दाखिल करने का अवसर देना है जो किसी उचित वजह से ऐसा नहीं कर पाए हैं।
महापात्र ने कहा, ‘‘ऐसे करदाता एक आकलन वर्ष में सिर्फ एक बार अपडेट किया हुआ रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।’’
बजट 2022-23 में ऐसे करदाताओं को आईटीआर दाखिल करने के दो साल के अंदर उसे ‘अपडेट’ करने की अनुमति दी गई है जिनसे रिटर्न में कुछ गलती हो गई है या कोई ब्योरा छूट गया है। करदाता करों का भुगतान कर आईटीआर को अपडेट कर सकेंगे।
यदि अद्यतन आईटीआर 12 माह के भीतर दाखिल किया जाता है, तो बकाया कर और ब्याज पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त का भुगतान करना होगा। यदि इसे 12 माह बाद दाखिल किया जाता है, तो भुगतान बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा। लेकिन इसे संबंधित आकलन वर्ष के 24 माह के भीतर ही दाखिल करना होगा।
हालांकि, किसी आकलन वर्ष के लिए यदि नोटिस जारी कर अभियोजन की कार्रवाई शुरू की गई है, तो करदाता को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।
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