नई दिल्ली: नए साल के पहले दिन गलवान घाटी में चीनी ध्वज फहराए जाने की कथित तस्वीर दरअसल चीन के अपने इलाके के अंदर की थी और यह झंडा भारतीय सीमा से 1.2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर फहराया गया था. जियोटैगिंग के नवीनतम डाटा से यह बात सामने आई है.
इस मामले ने पिछले माह भारत में अच्छा-खासा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था, जब इन तस्वीरों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सहित कई लोगों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उस समय सेना की तरफ से गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की तस्वीरों के साथ जवाब भी दिया गया था.
अब सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट डेमियन साइमन, जो अपने लोकप्रिय ट्विटर हैंडल @detresfa_ से ट्वीट करते हैं, ने कुछ नई तस्वीरें जारी की हैं. इसमें दिखाया गया है कि चीनी झंडा गलवान घाटी की सैन्य वापसी प्रक्रिया के तहत बनाए गए बफर जोन के बाहर फहराया गया था.
गलवान घाटी जुलाई 2020 में भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के बीच घातक झड़पों के बाद सुर्खियों में आई थी.
साइमन ने कहा कि चीनी ध्वज फहराने का कार्यक्रम बफर जोन के बाहर एक नई पीएलए चौकी पर हुआ.
उन्होंने कहा, ‘जमीन और सैटेलाइट तस्वीरों के संयोजन के साथ जीईओआईएनटी का आकलन बताता है कि गलवान नदी के आसपास चीनी झंडा फहराए जाने का दावा निराधार है. डाटा से पता चलता है कि जनवरी में आयोजित यह समारोह बफर जोन में एक नई पीएलए चौकी पर किया गया जो भारतीय सीमा से करीब 1.2 किलोमीटर दूरी पर है.’
साइमन ने चीनी समारोह का पूरा वीडियो जारी किया और उसके ठिकानों को जियोटैग किया. इससे साफ पता चलता है कि यह आयोजन पूरी तरह चीनी क्षेत्र के भीतर हुआ था.
GEOINT derived from combining ground & satellite images helps cut the clutter around claims alleging #China hoisted a flag at the #Galwan river bend, data extracted indicates the ceremony, held in January was 1.2 km from the bend at a new PLA post outside the buffer zone pic.twitter.com/04L66agC78
— Damien Symon (@detresfa_) February 8, 2022
चीन के सरकारी मीडिया ने दुष्प्रचार अभियान के तहत 1 जनवरी को कुछ एडिटेड वीडियो और तस्वीरें ‘2022 में नए साल के पहले दिन गलवान घाटी पर फहराता राष्ट्रीय ध्वज’ वाले कैप्शन के साथ जारी की थीं. इसने साथ ही कहा था कि यह झंडा बहुत खास है क्योंकि ये कभी बीजिंग के थ्येन आन मन स्क्वायर के ऊपर से फहराता था.
यह वीडियो 1 जनवरी को पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लगे 10 बॉर्डर प्वाइंट पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देने के बाद जारी हुआ था.
??China’s national flag rise over Galwan Valley on the New Year Day of 2022.
This national flag is very special since it once flew over Tiananmen Square in Beijing. pic.twitter.com/fBzN0I4mCi
— Shen Shiwei 沈诗伟 (@shen_shiwei) January 1, 2022
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भारत में राजनीतिक विवाद
चीनी दावे ने भारत में एक राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि गलवान घाटी में तो केवल भारतीय ध्वज फहराया जाना चाहिए था.
गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है।
चीन को जवाब देना होगा।
मोदी जी, चुप्पी तोड़ो!— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2022
इस विवाद पर कुछ दिन बाद सेना ने भी जवाब दिया, और नए साल के जश्न के मौके पर पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान में एक बड़ा तिरंगा थामे सैनिकों की दो तस्वीरें जारी कीं.
सूत्रों ने तब दिप्रिंट को बताया था कि दावों के विपरीत चीनी झंडा चीन के अपने क्षेत्र में फहराया गया था. उन्होंने यह भी कहा था कि गलवान घाटी का एक बड़ा हिस्सा चीनी अधिकार क्षेत्र में आता है.
सैन्य वापसी पर वार्ता
सैन्य वापसी को लेकर भारत और चीन के बीच अब तक 14 दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है.
दोनों देशों के बीच गतिरोध वाले पांच में चार क्षेत्रों—गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट, कैलाश रेंज और गोगरा—से सैन्य वापसी हो चुकी है.
हालांकि, हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में सैन्य वापसी अभी अटकी हुई है और इसके अलावा देमचोक और देपसांग मैदानों से जुड़े पुराने विवाद सुलझाए जाने की भी आवश्यकता है.
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