नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने लौह एवं इस्पात निर्माण गतिविधियों में प्लास्टिक अवशिष्ट (कचरे) के इस्तेमाल की संभावना के बारे में सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस्पात मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लौह एवं इस्पात उत्पादन में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल की संभावनाओं पर चर्चा के लिए एक बैठक हुई। इस बैठक में इस्पात मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य और भारतीय इस्पात शोध एवं प्रौद्योगिकी मिशन (एसआरटीएमआई) के निदेशक अंशुमान त्रिपाठी भी शामिल हुए।
बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई कि लौह एवं इस्पात विनिर्माण के दौरान प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल कितना उचित है? इस दौरान इस्पात मंत्री ने एसआरटीएमआई को एक महीने के भीतर इसका खाका तैयार करने का निर्देश दिया।
कुछ देशों में लौह एवं इस्पात विनिर्माण के दौरान प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे प्लास्टिक कचरे के निपटान में मदद मिलने के अलावा पर्यावरण से जुड़ी एक बड़ी समस्या भी दूर हो सकती है।
भाषा प्रेम अजय
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