नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत और आसियान साथ मिलकर नवीकरणीय ऊर्जा के लिये पूरा परिवेश विकसित कर सकते हैं तथा क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा विनिर्माण केंद्रों के निर्माण को लेकर संयुक्त पहल कर सकते हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा पर आसियान-भारत उच्चस्तरीय सम्मलेन में अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) अक्षय ऊर्जा के लिये एक पूर्ण परिवेश विकसित करने को एक साथ काम कर सकते हैं। यह परिवेश ऐसा हो जो जनानकारी साझा करे, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता को बढ़ावा दे। साथ ही इस क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण केंद्रों के विकास के लिए संयुक्त पहल का भी पता लगाए।
नवीकरणीय ऊर्जा पर आसियान-भारत उच्चस्तरीय सम्मेलन का आयोजन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने किया है। दो दिन का सम्मेलन सात फरवरी को शुरू हुआ।
उच्चस्तरीय सम्मेलन में ‘एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा बाजार के लिये अनुभव और नवोन्मेष’ विषय पर जोर होगा।
सिंह ने आसियान पावर ग्रिड के विकास को प्राप्त करने को लेकर संगठन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ‘एक सूर्य-एक दुनिया-एक ग्रिड’ पहल के अनुरूप आसियान से परे भारतीय उपमहाद्वीप में इस ग्रिड एकीकरण का विस्तार करने के अवसरों को देख रहा है।
मंत्री ने 2022 में जी-20 (विकसित एवं विकासशील देशों का संगठन) की अध्यक्षता को लेकर इंडोनेशिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक ऊर्जा बदलाव को सुगम बनाने के साथ इसमें तेजी लाने के लिये इंडोनेशिया की अध्यक्षता में साथ मिलकर काम करेगा।
उन्होंने आसियान और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के आधार पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक मजबूत संबंध स्थापित करने को साथ मिलकर काम करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
सम्मेलन में शामिल मंत्रियों ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत-आसियान सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सहयोग के क्षेत्रों और कदमों की पहचान के लिये सम्मेलन को लेकर उनका रुख सकारात्मक है।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.