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Friday, 22 November, 2024
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शाहरुख ने दुआ पढ़कर लता मंगेशकर को दी अंतिम विदाई तो उठे सवाल, जानें क्या है फूंकने की परंपरा

कल शिवाजी पार्क में शाहरूख खान अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे

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नई दिल्ली: मशहूर गायिका और भारतरत्न लता मंगेशकर ने रविवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी आंखिरी सांस ली. वह 92 साल की थीं. सुर साम्राज्ञी को अंतिम विदाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुंबई के शिवाजी पार्क पहुंचे थे. इसदौरान लता दीदी को श्रद्धांजलि देने कई बड़ी-बड़ी हस्तियां मौजूद थीं. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजली के साथ वहां पहुंचे थे.

अभिनेता शाहरुख खान भी अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ लता दीदी के आखिरी दर्शन पहुंचे थे. इस्लाम धर्म का अनुसरण करते हुए शाहरुख लता दीदी के पार्थिव शरीर के सामने दुआ की. शाहरुख के दुआ करने के दौरान का वीडियो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. दुआ पढ़ने के दौरान इस्लाम में फूंकने का रिवाज है..वीडियो में मास्क उतार कर वो फूंकते नजर आ रहे हैं जिसपर कई लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या शाहरुख इस दौरान थूक रहे हैं?

इस्लाम की परंपरा और विरोध

शाहरूख खान अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने शिवाजी पार्क पहुंचे थे. जहां उन्हें मुस्लिम धर्म के मुताबिक दुआ पढ़ते हुए देखा गया जिसके बाद उन्होंने परंपरा के अनुसार फूंका ( हवा दी) जिसे लेकर कई लोग कह रहे हैं कि किंग खान ने इस दौरान थूका है.

मुस्लिम धर्म में इस तरह की परंपरा है जब पहली बार अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसके लिए भी दुआ पढ़कर फूंका जाता है. लेकिन सोशल मीडिया पर शाहरुख खान का वीडियो वायरल करके गलत दावे किए गए.

जोधपुर की मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अख्तरुल वासे इस मामले पर कहते हैं, ‘शाहरूख ने वहां क्या पढ़ा वो तो वही जानते होंगे.’

इसलामिक स्टडीज के पूर्व प्रोफेसर आगे कहते हैं, ‘मुसलमान जब भी अपने किसी चाहने वाले के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जाते हैं तो इसी तरह दुआ पढ़कर फूंकते हैं, यही उनका अंतिम विदाई देने का तरीका होता है. इसे गलत तरीके से बिल्कुल नहीं देखा जाना चाहिए.’

पत्रकारिता जगत में काम करने वाली साहिबा खान ने हमें बताया कि ऐसा करना बेहद आम हैं. वो कहती हैं, ‘जो शाहरुख ने किया उसे इस्लाम में हमारी तरफ़ पढ़कर फूंकना कहते हैं. बेहद आम तरीक़ा होता है ये अपनी दुआएं सामने वाले तक पहुंचाने का. बड़े-बूढ़ों को लगता है कि इस तरह पढ़ कर फूंकने से या फिर सीने पर मल देने से आप पर अल्लाह की रहमत बनी रहती है . जब भी स्कूल की ऑटो हमें दरवाज़े पर सुबह लेने आती थी तो दादी बाहर दालान में ही बैठी इंतेज़ार कर रही होती थी कि कब ये बच्चे निकलेंगे और कब हम बच्चों को दरूद पढ़ कर फूंकेंगे. ये जनाज़े की दुआ में भी किया जाता है ताकि मरने वाले तक दुआ पहुंचे और जीवित लोगों के लिए भी किया जाता है.’

साहिबा कहती हैं, ‘शाहरुख ने जब ऐसा किया तो उसमें कोई नई बात तो नहीं थी मगर कई लोगों को ऐसा लगा कि उसने पढ़ कर थूका है. ये कुछ नहीं बस हर चीज़ में गंदगी देखने और सोचने वाले ही ऐसी सोच रख सकते हैं . मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि लोग भी साकिर-गवाही क्यों कर रहे हैं कि न भई ऐसा होता है वैसा होता है. अरे जिसे दरूद फूंकना थूकना लगे, उसकी सोच में ही खोट है और आप ऐसी सोच का कुछ नहीं कर सकते, वो कल को किसी और चीज़ में नुक़्स-नफ़स निकाल लेंगे.’

वहीं लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर के सामने शाहरुख खान द्वारा दुआ पढ़े जाने को लेकर  मौलाना रोष में हैं. मौलाना उमैर इलियासी ने  दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘ दुआ पढ़ने का काम मौलानाओं का होता है.’ शाहरुख का विरोध करते हुए मौलाना इलियासी कहते हैं, ‘आप शाहरुख से जाकर पूछे कि उन्होंने दुआ में क्या पढ़ा, ये काम मौलानाओं का है. उनका नहीं है.’

सोशल मीडिया पर लोगों के सवाल

हरियाणा बीजेपी के इन्चार्ज अरुण यादव ने वीडियो पोस्ट करते हुए सवाल किया, इसने थूका है?

एक और यूजर ने शाहरुख खान के दुआ पढ़ने के अंदाज पर सवाल उठाया

वहीं कुछ लोगों ने इसकी सच्चाई बताते हुए भी वीडियो ट्वीट की. बॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर प्रिया गुप्ता ने लिखा, ‘इसे दुआ कहते हैं’

कुछ यूजर्स ने मशहूर फिल्म माय नेम इज खान फिल्म का एक अंश शेयर करते हुए स्थिति को समझाने की कोशिश की जिसमें शाहरुख खान का किरदार अपने बेटे पर फूंक रहा है. यूजर ने लिखा, ‘क्या शाहरुख अपने बेटे पर भी थूक रहे हैं?’


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