(ज्ञानेश चव्हाण)
मुंबई, छह फरवरी (भाषा) लता मंगेशकर की नर्स गायिका के जीवन के आखिरी कुछ दिनों को बड़े स्नेह से याद करती हैं।
देश और दुनिया में कई दशकों से अपनी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाली गायिका की देखभाल करने वालीं सारिका देवानंद भिसे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं उस वक्त लता दीदी के साथ थी, जब उन्होंने अंतिम सांस ली।’’
भिसे अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाईं जब लता के भाई हृदयनाथ ने शिवाजी पार्क में चिता को मुखाग्नि दी। साल 2015 से लता के साथ जुड़ी रहीं भिसे ने कहा, ‘‘दीदी ने हमेशा खुद से पहले हमारे (स्टाफ के) बारे में सोचा। हम उनसे प्यार करते थे और उनकी कमी खल रही है।’’
भिसे ने कहा, ‘‘जब वह वेंटिलेटर पर थीं उन्होंने हमें पहचान लिया। जब हमने हंसी मजाक किया तो उन्होंने जवाब दिया। पिछले दो-तीन दिनों में वह बहुत खामोश थीं।’’
भिसे ने कहा, ‘‘जब उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया तो हम उन्हें व्हील चेयर पर ले गए। उस वक्त हमें लगा कि हम जीत गए हैं और उन्हें जल्द ही घर वापस ले जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं होना था क्योंकि उनकी हालत जल्द ही गंभीर हो गई थी।’’
भिसे ने कहा कि उन्हें सबसे बड़ा अफसोस इस बात का होगा कि वह उस सुर साम्राज्ञी को अब नहीं देख पाएंगी जो उनके परिवार की मदद करती थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा परिवार उनसे प्यार करता था। उनके आशीर्वाद से मैंने नर्सों का ब्यूरो खोला।’’
भिसे ने कहा, ‘‘दीदी बताती थीं कि कैसे उनका लालन पालन हुआ और अपने पिता के निधन के बाद अपने परिवार की देखभाल की। उन्होंने एक बार मुझे बताया था कि कैसे उनकी मां परेशान हो गई थीं जब वह पश्चिमी महाराष्ट्र के एक कस्बे सांगली में साइकिल चलाते समय गिर गई थीं।
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