(कुमार दीपांकर)
नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) सरकार ने कहा है कि हरित बांड सरकार के कुल कर्ज कार्यक्रम का हिस्सा होगा। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने रविवार को कहा कि रुपये मूल्य में जारी हरित बांड दीर्घावधि का होगा, जिससे यह देश की हरित ढांचागत परियोजनाओं की जरूरत को पूरा कर सकेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने को सरकारी हरित बांड जारी करने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा था कि हरित बांड से प्राप्त राशि का इस्तेमाल सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में किया जाएगा जिससे अर्थव्यवस्था से कार्बन घटाने में मदद मिलेगी।
सेठ ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि हरित बांड अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार के कुल कर्ज कार्यक्रम का हिस्सा रहेगा।
सेठ ने कहा, ‘‘फिलहाल हमारी नजर घरेलू बाजारों तथा रुपये मूल्य वाले बांड पर है। इसकी अवधि सरकारी प्रतिभूतियों जैसे सामान्य होगी। यह मध्यम से दीर्घावधि का बांड होगा, यह लघु अवधि का नहीं होगा। इसके जरिये जुटाए गए कोष का इस्तेमाल बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर किया जाएगा।’’
सेठ ने कहा कि इसमें मात्रा तय करने से पहले रिजर्व बैंक इसकी रूपरेखा लाएगा। इसमें उन परियोजनाओं या क्षेत्रों का ब्योरा होगा, जो सरकारी हरित बांड के तहत वित्तपोषण के पात्र होंगे।
उन्होंने कहा कि इसके दिशानिर्देशों में हरित या कम-कार्बन उत्सर्जन वाले क्षेत्रों में कोष के इस्तेमाल की निगरानी का ब्योरा होगा। साथ ही इसमें निवेशकों के लिए ‘आश्वासन’ भी होगा।
आर्थिक मामलों के सचिव ने कहा, ‘‘यह कोई साधारण उद्देश्य वाला कर्ज नहीं होगा। यह उद्देश्य आधारित कर्ज होगा। हम आगामी महीनों में इसकी रूपरेखा लेकर आएंगे। यह एक साल का ‘माध्यम’ नहीं होगा। आगामी वर्षों में इस तरह के निवेश, निवेशकों की इच्छाशक्ति की अधिक जरूरत होगी।’’
सरकार का वित्त वर्ष 2022-23 में कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था की खर्च की जरूरत को पूरा करने के लिए रिकॉर्ड 11.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने का है।
सेठ ने हालांकि आश्वस्त किया कि सरकार अगले वित्त वर्ष में कर्ज कार्यक्रम का क्रियान्वयन बिना किसी बाधा के पूरा करेगी।
सरकार का कर्ज चालू वित्त वर्ष के 9.7 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से करीब दो लाख करोड़ रुपये अधिक होगा।
यहां तक कि अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार का कुल कर्ज 14,95,000 करोड़ रुपये के साथ अबतक का सबसे ऊंचा रहेगा। चालू वित्त वर्ष के लिए इसका बजट अनुमान 12,05,500 करोड़ रुपये है।
भाषा अजय अजय पाण्डेय
पाण्डेय
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