नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के नए चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के लिए किसी उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करने में विफल रहा है। ऐसे में अब सरकार ओएनजीसी के नए मुखिया की तलाश एक समिति के जरिये करेगी।
पीईएसबी करीब आठ माह पहले देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी की अगुवाई करने के लिए उपुयक्त उम्मीदवार का चयन करने में विफल रहा था।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में ज्यादातर निदेशक मंडल स्तर के पदों पर नियुक्ति पीईएसबी की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। लेकिन पीईएसबी ने पिछले साल जून में नौ उम्मीदवारों में से एक को भी ओएनजीसी की अगुवाई करने के उपयुक्त नहीं पाया था। इन नौ उम्मीदवारों में से दो कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी थे।
पीईएसबी ने पांच जून, 2021 को इन उम्मीदवारों के साक्षात्कार के बाद जारी नोटिस के जरिये यह जानकारी दी थी।
अब करीब आठ माह बाद ओएनजीसी के प्रमुख पद के चयन के लिए चार फरवरी को एक समिति का गठन किया है।
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है, ‘‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश एक खोज-सह-चयन समिति के माध्यम से करने को मंजूरी दे दी है।’’
इस समिति में पीईएसबी के चेयरपर्सन, पेट्रोलियम सचिव और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के पूर्व चेयरमैन बी अशोक शामिल होंगे। अशोक समिति में बाहरी विशेषज्ञ के रूप में शामिल रहेंगे।
एसीसी ने इस पद के लिए सशस्त्र बलों और अखिल भारतीय सेवाओं सहित केंद्र सरकार के अधिकारियों के नामों पर विचार करने को भी मंजूरी दी है।
आमतौर पर पीईएसबी बोर्ड स्तर का कोई पद रिक्त होने से तीन महीने पहले संबंधित पद के लिए एक नाम की सिफारिश करता है। हालांकि, ओएनजीसी के मामले में पीईएसबी ने 31 मार्च, 2021 को शशि शंकर की सेवानिवृत्ति के बाद उम्मीदवारों की तलाश के लिए विज्ञापन निकाला था और साक्षात्कार लिया था।
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