नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (एमडी) के पदों को अलग रखने की योजना पर बाजार नियामक सेबी को भारतीय कंपनियों का भी पक्ष सुनना चाहिए।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सूचीबद्ध कंपनियों से चेयरमैन और एमडी की भूमिकाएं अलग रखने के लिए अप्रैल 2022 तक की समयसीमा दी है। पहले यह व्यवस्था अप्रैल 2020 से ही लागू की जानी थी लेकिन बाद में इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई।
बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के मामले में इस मानक को कुछ साल पहले ही लागू कर दिया था।
चेयरमैन और एमडी के पदों को अलग रखने के मसले पर सीतारमण ने कहा, ‘मैंने इसकी सेबी के साथ समीक्षा की थी। कुछ कंपनियों ने इसका पालन भी किया है। दुनिया भर में इसे अपनाया जाता है। लेकिन मैं इससे भी सहमत हूं कि भारत में कंपनियां काफी हद तक पारिवारिक स्तर पर विकसित होती हैं और निदेशकमंडल में कई संबंधित लोग शामिल होते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘ऐसी स्थिति में मेरा मत है कि अगर भारतीय कंपनियों की कोई राय है तो सेबी को उसके बारे में भी जरूर ध्यान देना चाहिए। हालांकि मैं सेबी को कोई आदेश नहीं दे रही।’
भाषा
प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.