नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर की तरफ से मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुहैल समीर को निदेशक मंडल से हटाने की मांग किए जाने के एक दिन बाद कंपनी के एक अन्य संस्थापक शाश्वत नकरानी ने समीर का समर्थन किया है।
नकरानी का यह बयान समीर को निदेशक मंडल से हटाने की ग्रोवर की मुहिम को मुश्किल बना सकता है। सीईओ को हटाने के लिए दोनों संस्थापकों की संयुक्त रूप से सहमति की जरूरत होगी।
कानूनी जानकारों का कहना है कि सिर्फ ग्रोवर की मांग पर सीईओ को बोर्ड से नहीं हटाया जा सकता है और ऐसा कोई भी निष्कासन केवल दोनों सह-संस्थापकों द्वारा संयुक्त रूप से ही किया जा सकता है।
वही इस बारे में संपर्क किए जाने पर नकरानी ने कहा कि उन्होंने सुहैल समीर को निदेशक मंडल से हटाने के लिए कोई सहमति या मांग नहीं रखी है। नकरानी ने कहा, ‘मैंने न तो अपनी सहमति दी है और न ही भारतपे के निदेशक मंडल से समीर को हटाने की मांग की है। यह समाचार रिपोर्ट गलत है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं पुष्टि कर सकता हूं कि भारतपे के सीईओ और निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में समीर की नियुक्ति के प्रस्ताव में मैं दो संयुक्त नामित व्यक्तियों में से एक था। उन्हें अभी भी मेरा समर्थन हासिल है।’
ग्रोवर इस समय लंबी छुट्टी पर हैं और कोटक महिंद्रा बैंक के साथ उनका विवाद सामने आने के बाद भारतपे की स्वतंत्र संस्था से समीक्षा कराई जा रही है। ऐसे में कंपनी के कामकाज से जुड़े कई मामले सामने आ सकते हैं।
भारतपे ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘हमें इस बात का गहरा दुख है कि भारतपे के बोर्ड या बोर्ड के सदस्यों की ईमानदारी पर बार-बार गलत तथ्यों और निराधार आरोपों के जरिए सवाल उठाए जा रहे हैं।’’
भाषा जतिन प्रेम
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