कोलकाता, चार फरवरी (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सार्वजनिक रूप से एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से यह पूछने के लिए निशाना साधा कि क्या राजभवन से उन्हें धमकाया जा रहा है और उनके काम में हस्तक्षेप किया जा रहा है।
वहीं, सत्तारूढ़ दल ने पलटवार करते हुए उन पर संवैधानिक सीमाओं के उल्लंघन का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह विधानसभा के बजट सत्र के दौरान धनखड़ के खिलाफ एक ”प्रस्ताव” लाएगी।
धनखड़ ने ट्विटर पर कहा, ‘‘क्या चिंताजनक परिदृश्य है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) की खिंचाई करते हुए उनसे पूछती हैं कि ‘क्या राज्यपाल ने आपको फोन किया था, यह गंभीर मुद्दा है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है, मुख्यमंत्री का पुलिस पर प्रहार।’’
बनर्जी ने बृहस्पतिवार को एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में अपने जिले में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर एसपी को फटकार लगाई थी। प्रतीत होता है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार और राज्यपाल के बीच अंतहीन खींचतान एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई है क्योंकि बनर्जी ने हाल में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्होंने धनखड़ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को ‘ब्लॉक’ कर दिया है, क्योंकि अपने पोस्ट में वह बार-बार उनकी सरकार को निशाना बनाते थे।
धनखड़ ने इस पर पलटवार किया था और याद दिलाया था कि राज्य के प्रशासनिक मामलों और कानून के प्रस्तावों से संबंधित सूचना प्रदान करना, संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत मुख्यमंत्री का ‘‘संवैधानिक कर्तव्य’’ है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को कहा, ” उन्हें (धनखड़) एक भाजपा नेता की तरह व्यवहार करने से बचना चाहिए। उन्हें संविधान की रूपरेखा के अनुरूप कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री के पास पुलिस अधिकारियों को निर्देश देने का संवैधानिक अधिकार है।”
भाषा शफीक उमा
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