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Saturday, 16 November, 2024
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मृत्युपूर्व बयान के सच होने पर संतुष्ट होने पर अदालत उसके आधार पर दोषी ठहरा सकती है: उच्च न्यायालय

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चंडीगढ़, चार फरवरी (भाषा) पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि यदि अदालत इस बात से संतुष्ट हो जाती है कि मृत्युपूर्व बयान सच एवं स्वैच्छिक है तो वह बिना परिपुष्टि के उसके आधार पर आरोपी को दोषी करार दे सकती है। न्यायालय ने इस कथन के साथ वर्ष 2014 में अपनी पत्नी को जलाकर मार डालने के आरोपी के उम्रकैद की सजा बरकरार रखी।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ यह पुराना कानून है कि यदि अदालत इस बात से संतुष्ट हो जाती है कि मृत्युपूर्व बयान सच एवं स्वैच्छिक है तो वह बिना परिपुष्टि के उसके आधार पर आरोपी को दोषी करार दे सकती है।…’’

अपीलकर्ता हरियाणा के पलवल की सत्र अदालत के असंतुष्ट था। सत्र न्यायाधीश ने उसे भादंसं की धारा 302 (हत्या) के तहत 25 मार्च, 2014 को दर्ज की गयी प्राथमिकी में दोषी ठहराया था एवं उसे उम्रकैद की सजा सुनायी थी एवं उसपर 25000 रूपये का जुर्माना लगाया था। उसे पत्नी का हत्या का दोषी पाया गया था।

न्यायमूर्ति अजय तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज जैन की खंडपीठ ने अभियुक्त सुखबीर की अपील खारिज करते हुए उसकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता मृतका का भाई सोनू मोहंती सुनवाई के दौरान अपने बयान से पलट गया था।

मोहंती ने पहले कहा थाा कि रंजना की शादी 2008 में सुखबीर से हुई थी तथा शुरू से ही दोनों के बीच मनमुटाव रहने लगा एवं सुखबीर उसके साथ कारण-अकारण दुर्व्यवहार एवं मारपीट करने लगा। मोहंती के अनुसार रंजना दो बार ससुराल से मायके झारखंड चली आयी लेकिन उसे वापस भेज दिया गया, जनवरी, 2014 में सुखबीर रंजना को वापस लेने झारखंड गया था और उसने आश्वासन दिया कि वह अपनी बीवी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करेगा जिसपर रंजना को उसके माता-पिता ने वापस भेज दिया था।

रंजना के माता ने यह सुनिश्चित करने के लिए मोहंती को उसके साथ उसके ससुराल भेज दिया कि वह सुरक्षित महसूस करे। लेकिन 23मार्च, 2014 को शाम को करीब छह-सात बजे सुखबीर नशे में रंजना के साथ मारपीट करने लगा। शिकायतकर्ता के हस्तक्षेप पर रंजना को बचाया जा सका। लेकिन आधी रात को जब मोहंती जगा तब उसने अपनी बहन को आग की लपटों में देखा। सुखबीर कमरे में ही था। वह मोहंती को जगा देख भाग गया।

रंजना ने अपने भाई को बताया कि सुखबीर ने उसपर किरोसिन तेल डालकर आग लगा दी। घटना के तत्काल बाद मोहंती ने अपना बयान दर्ज कराया क्योंकि उसकी बहन बयान दर्ज कराने की स्थिति में नहीं थी।

अभियोजन के अनुसार रंजना को पलवल के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां से उसे आगे के इलाज के लिए दिल्ली के सफरदरजंग अस्पताल ले जाने को कहा गया।

डॉक्टरों के अनुसार रंजना (34) ने 28 मार्च, 2014 को अपना बयान दर्ज करने की स्थिति में आने एक मजिस्ट्रेट के सामने घटना का ब्योरा दिया। रंजना ने कहा कि 2008 में शादी होने के बाद उसे दो बच्चे हुए लेकिन उसका पति शराब पीने के बाद उसके साथ मार-पीट करता था।

रंजना ने अपने बयान में कहा कि सुखबीर का अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध था और सुखबीर ने ही उसे आग लगा दी। रंजना पांच मई, 2014 को चल बसी।

सुखबीर पर पत्नी की हत्या को लेकर भादंसं की धारा 302 के तहत सुनवाई चली जबकि मोहंती अपने बयान से पलट गया था।

भाषा राजकुमार अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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