नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि वह उस अभ्यावेदन पर विचार और निर्णय करे, जिसमें दावा किया गया है कि काल्पनिक खेल ‘गेमकिंग 11’ जुआ नहीं, बल्कि एक कौशल है तथा पुलिस और अधिकारियों को इसके संचालन में किसी प्रकार की बाधा नहीं डालनी चाहिए।
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने संबंधित अधिकारियों से याचिकाकर्ता ड्रीम 7 एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को अपने फैसले से अवगत कराने को कहा, जिसने दलील दी थी कि अन्य उच्च न्यायालयों ने माना है कि इसी तरह के अन्य काल्पनिक खेल कौशल के खेल के समान हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनय के. गर्ग ने दलील दी कि ‘गेमिंग 11’ कौशल का खेल है जिसमें खिलाड़ी को 11 लोगों की अपनी टीम का चयन करने की आवश्यकता होती है और यह जुआ नहीं है।
अदालत ने पूछा, ‘क्या कौशल है? मेसी और माराडोना को चुनना कोई कौशल नहीं है।’’
न्यायाधीश ने कहा, “आप कह रहे हैं कि यह कौशल का खेल है। अधिकारियों को अपना दिमाग लगाने दें और अपने पास वापस आने दें। जब वह आदेश आपके पास आएगा तो आपके पास एक स्पष्ट तस्वीर होगी।’’
अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता निर्णय के बाद कानून में उपलब्ध उपायों का सहारा लेने के लिए स्वतंत्र है।
दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि रिट याचिका को सक्षम प्राधिकारी द्वारा एक अभ्यावेदन के रूप में माना जा सकता है और कोई स्पष्ट आदेश दो सप्ताह के भीतर पारित किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है कि ‘गेमकिंग 11’ दिल्ली जुआ अधिनियम, 1955 के दायरे में नहीं आता और याचिकाकर्ता के पास दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से आवश्यक व्यापार लाइसेंस है।
इसमें आरोप लगाया गया कि हालांकि, स्थानीय पुलिस ने संबंधित काल्पनिक खेल केंद्रों के सुचारू संचालन में ‘समस्याएं पैदा करना शुरू कर दिया।’’
याचिकाकर्ता ने अदालत से भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत मुक्त व्यापार के अधिकार की रक्षा करने वाला आदेश पारित करने का आग्रह किया।
भाषा नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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