चंडीगढ़, चार फरवरी (भाषा) धनशोधन मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे भूपिन्दर सिंह उर्फ हनी की गिरफ्तारी के चंद घंटे बाद विपक्षी दलों ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वह (सरकार) जवाब के दायित्व से बच नहीं सकती।
हनी को कथित गैर-कानूनी रेत खनन से संबंधित एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वार जालंधर में कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद बृहस्पतिवार देर रात धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने चन्नी के भतीजे से संबंधित परिसरों से ईडी द्वारा भारी पैमाने पर नकदी बरामद किये जाने का जिक्र शुक्रवार को करते हुए कहा कि हनी ने चन्नी के 111 दिन की सरकार के दौरान अकूत पैसे कमाए।
चड्ढा ने आरोप लगाया, ‘‘यदि मुख्यमंत्री के तौर पर चन्नी की 111 दिनों की सरकार के दौरान एक रिश्तेदार ने जब इतनी ‘काली’ कमाई की तो कल्पना कीजिए पांच साल में उनके रिश्तेदार कितनी कमाई करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि भले ही चन्नी ने अपने भतीजे के कथित कुकृत्यों से अपनी दूरी बना ली है, लेकिन वह जवाब के दायित्व से बच नहीं सकते।
ईडी के समक्ष हनी द्वारा कुछ चौंकाने वाले खुलासे करने का दावा करते हुए चड्ढा ने पूछा, ‘‘क्या मुख्यमंत्री इस बात का जवाब देंगे कि हनी को सुरक्षा, कमांडो और एस्कॉर्ट वाहन कैसे उपलब्ध कराये गये थे।’’
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता 20 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को सजा देगी।
शिरोमणि अकाली दल नेता एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि वह कहते रहे हैं कि ‘पैसा पहले जब्त हुआ, उसके बाद गिरफ्तारी हुई’, फिर चन्नी कैसे इससे पीछा छुड़ा सकते हैं?’’
मजीठिया ने कहा, ‘‘उत्तर देना उनका (मुख्यमंत्री कस) दायित्व है और मुख्यमंत्री तथा उनकी पार्टी को यह बताना चाहिए कि किस हैसियत से हनी को सुरक्षा मुहैया कराई गई। जब्त किया गया धन काली कमाई है।’’
पिछले माह छापे के बाद, ईडी सूत्रों ने दावा किया था कि एजेंसी ने 10 करोड़ रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किये थे, जिनमें से आठ करोड़ रुपये और अधिकतर कागजात अकेले हनी के थे।
हनी की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने वाले हैं।
इस बीच चन्नी ने कहा कि ईडी ने जिस तरह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के परिसरों पर छापे मारे थे, ठीक वही तरीका ईडी ने यहां भी किया, ताकि उन्हें, उनके मंत्रियों पर और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर दबाव बनाया जा सके।
भाषा सुरेश उमा
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