मुंबई, चार फरवरी (भाषा) शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही। मिलेजुले वैश्विक रुझानों के बीच बैंकिंग और ऊर्जा शेयरों में नुकसान के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 140 अंक से अधिक गिरकर बंद हुआ।
विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा नीतिगत रुख में सख्ती के अनुमान और विदेशी कोषों की लगातार बिकवाली के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही।
कारोबारियों ने कहा कि रुपये की मजबूती ने शेयर बाजारों की गिरावट को थामने में कुछ मदद की, लेकिन विदेशी कोषों के लगातार पैसा निकालने के चलते निवेशक चिंतित हैं।
कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला बीएसई सूचकांक 143.20 अंक या 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,644.82 पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 43.90 अंक या 0.25 प्रतिशत टूटकर 17,516.30 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में सबसे अधिक 1.83 प्रतिशत की गिरावट एसबीआई में हुई। इसके अलावा एमएंडएम, एनटीपीसी, कोटक बैंक, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी और पावरग्रिड नुकसान में रहने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे।
दूसरी ओर सन फार्मा, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील,ल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक और एचसीएल टेक में 1.21 प्रतिशत तक बढ़त देखने को मिली।
सेंसेक्स में 19 शेयर गिरकर बंद हुए, जबकि 11 में बढ़त देखने को मिली।
बैंक ऑफ इंग्लैंड ने बृहस्पतिवार को ब्याज दरों में वृद्धि की, जबकि यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने भी मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए नीति को सख्त करने का संकेत दिया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार में बृहस्पतिवार को शुरू हुई गिरावट जारी रही, और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों तथा धातु को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में बिकवाली देखने को मिली। बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा दरों में बढ़ोतरी के चलते पश्चिमी बाजारों में भी मजबूती की कमी थी। मुद्रास्फीति के जोखिम से भविष्य में दरें बढ़ सकती हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘वॉल स्ट्रीट में काफी उतार-चढ़ाव रहा, क्योंकि मेटा (फेसबुक) के परिणाम आने के बाद भारी बिकवाली देखी गई।’’
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 1,444.59 अंक या 2.52 फीसदी चढ़ा, जबकि निफ्टी 414.35 अंक या 2.42 फीसदी बढ़ा।
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख जोसेफ थॉमस ने कहा, ‘‘पूरे सप्ताह इक्विटी बाजार अत्यधिक अस्थिर रहा… अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने को लेकर चिंता, पूर्वी यूरोप में राजनीतिक और सैन्य तनाव, महामारी के नए स्वरूप के प्रतिकूल प्रभाव, के चलते निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।’’
क्षेत्रवार बात करें तो बीएसई रियल्टी, ऑटो, ऊर्जा, वित्त और बैंकेक्स में शुक्रवार को 2.83 फीसदी तक की गिरावट आई, जबकि घातु, बुनियादी पदार्थ, उपयोगिता और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में बढ़त रही।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 0.68 फीसदी तक की गिरावट आई।
अन्य एशियाई बाजारों में हांगकांग, तोक्यो और सोल में शेयर मजबूती के साथ बंद हुए। नए साल की छुट्टियों के कारण चीन के बाजार बंद रहे।
यूरोप में दोपहर कारोबार के दौरान शेयर बाजारों में मिलाजुला रुख देखा गया।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.22 प्रतिशत बढ़कर 92.22 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 19 पैसे मजबूत होकर 74.69 पर बंद हुई।
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 1,597.54 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा पाण्डेय रमण
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