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Sunday, 17 November, 2024
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हमने चीनी पक्ष के समक्ष मामला उठाया : विदेश मंत्रालय ने अरूणाचल के युवक के मुददे पर कहा

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नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अरुणाचल प्रदेश के युवक को उस समय यातना दिये जाने के मुद्दे को चीनी पक्ष के समक्ष उठाया है जब वह चीनी जन मुक्ति सेना की हिरासत में था ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘ हमने चीनी पक्ष के समक्ष मामला उठाया है। ’’

उनसे चीनी सेना की हिरासत में अरुणाचल प्रदेश के युवक को यातना देने के विषय पर सवाल पूछा गया था । अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से 17 वर्षीय मिराम तारोन 18 जनवरी को लापता हो गया था। उसके बारे में खबरें आई थी कि उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास लुंगटा जोर क्षेत्र में चीनी सेना ने कथित तौर पर उस समय अगवा कर लिया था जब वह अपने मित्र जॉनी यायिंग के साथ शिकार पर गया था । यायिंग वहां से बचकर निकलने में सफल रहा था ।

चीनी सेना ने 27 जनवरी को युवक को भारतीय सेना को सौंप दिया था । मिराम के पिता ओपांग तारो ने कहा था कि जन मुक्ति सेना की हिरासत के दौरान मिराम को बांध कर रखा गया और उसे हल्का बिजली का झटका दिया गया ।

वहीं, लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उन आरोपों के बारे पूछे जाने पर कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान और चीन को साथ लाने का काम किया है, बागची ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। बागची ने कहा कि इस बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुके हैं ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ विदेश मंत्रालय का ट्वीट स्वत: स्थिति स्पष्ट करने वाला है। उन्होंने संसद की चर्चा के बाद ट्वीट किया । मुझे और कुछ नहीं कहना है। ’’

गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि भारत को गणतंत्र दिवस समारोह में शरीक होने के लिए कोई विदेशी अतिथि नहीं मिल सका।

मंत्री ने राहुल के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं।

विदेश मंत्री ने ट्वीट किया था, ”लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें गणतंत्र दिवस के लिए कोई विदेशी अतिथि नहीं मिला। भारत में रहने वाले जानते हैं कि हम कोरोना (महामारी) की लहर का सामना कर रहे हैं।”

उन्होंने लिखा था, ” जिन पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों को आना था। उन्होंने 27 जनवरी को एक डिजिटल शिखर सम्मेलन किया। क्या राहुल गांधी इसे भी भूल गए हैं?”

जयशंकर ने कहा था, ”राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि इस सरकार के कारण पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं। कुछ ऐतिहासिक सबक इस प्रकार हैं: 1963 में, पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया ; चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया।”

विदेश मंत्री ने कहा था कि दोनों देशों के बीच 1970 के दशक से घनिष्ठ परमाणु सहयोग भी रहा है।

उन्होंने कहा था, ”2013 में, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शुरू हुआ। तो, अपने आप से पूछें: क्या चीन और पाकिस्तान तब दूर थे?”

भाषा दीपक

दीपक माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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