मुंबई, तीन फरवरी (भाषा) शेयर बाजार में पिछले तीन दिन से जारी तेजी पर बृहस्पतिवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 770 अंक का गोता लगाकर 59,000 अंक के नीचे बंद हुआ। आईटी, वित्तीय और बैंक शेयरों में मुनाफावसूली से यह गिरावट आयी।
कारोबारियों के अनुसार, यूरोपीय बाजारों में केंद्रीय बैठक की बैठकों से पहले निवेशकों में चिंता तथा घरेलू बाजार में कमजोर वृहत आर्थिक आंकड़े से निवेशक जोखिम लेने से बचे।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 770.31 अंक यानी 1.29 प्रतिशत टूटकर 58,788.02 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 219.80 अंक यानी 1.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,560.20 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स शेयरों में 3.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे अधिक नुकसान में एचडीएफसी का शेयर रहा। इसके अलावा इन्फोसिस, एलएंडटी, कोटक बैंक, बजाज फिनसर्व और टेक महिंद्रा में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही।
सेंसेक्स के 25 शेयर नुकसान में जबकि पांच लाभ में रहे।
लाभ में रहने वाले पांच शेयर आईटीसी, मारुति, टाइटन, एसबीआई और एशियन पेंट्स हैं। इनमें 1.14 प्रतिशत तक की तेजी रही।
वृहत आर्थिक मोर्चे पर देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जनवरी के महीने में नरम पड़ी हैं। बृहस्पतिवार को जारी एक मासिक सर्वे के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने के बीच इसकी रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों और मुद्रास्फीतिक दबाव के साथ नए कारोबार में काफी धीमी गति से वृद्धि हुई।
आईएचएस मार्किट के अनुसार मौसमी रूप से समायोजित भारत सेवा व्यापार गतिविधियां सूचकांक जनवरी में मासिक आधार पर घटकर 51.5 रहा, जो दिसंबर में 55.5 था। यह पिछले छह महीने में विस्तार की सबसे धीमी दर है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में बिकवाली से हुआ नुकसान मंदड़ियों के पक्ष में रहा और घरेलू बाजार में गिरावट रही। सभी प्रमुख क्षेत्रों में बिकवाली दबाव रहा। हालांकि, वाहन बिक्री आंकड़े जनवरी में सकारात्मक रहने से वाहन शेयरों में कुछ प्रतिरोध दिखा।’’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी वायदा बाजार में दबाव दिखा। इसका कारण मेटा (पूर्व में फेसबुक) का वित्तीय परिणाम कमजोर रहना है। वहीं यूरोपीय बाजारों में केंद्रीय बैंक की नीतिगत घोषणा में ब्याज दर बढ़ाये जाने की आशंका में गिरावट का रुख रहा।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘….वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच घरेलू बाजार में उठा-पटक रही और यह रुख अभी बना रह सकता है। इसका कारण वैश्विक बाजार का रुख तथा कंपनियों के वित्तीय परिणाम हैं।’’
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की नुकसान में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहा। चीन और हांगकांग समेत एशिया के कई अन्य बाजार चंद्र नववर्ष के मौके पर बंद रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में ज्यादातर में गिरावट का रुख रहा।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत फिसलकर 88.89 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर पांच पैसे की गिरावट के साथ 74.88 पर बंद हुई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 183.60 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा
रमण अजय
अजय
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