भोपाल, तीन फरवरी (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने गंगा नदी के किनारे रसायन मुक्त खेती शुरु करने के केंद्रीय बजट प्रस्ताव से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी के किनारे जैविक खेती करने का फैसला किया है। प्रदेश के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा, ‘‘ नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर पांच किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती विकसित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाए।’’
बैठक में चौहान ने मंत्रियों से भी अपनी जमीनों पर जैविक खेती कराने का आग्रह किया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि गंगा के किनारे पांच किलोमीटर के चौड़े गलियारे के भीतर रसायन मुक्त खेती शुरु करके पूरे देश में इसे बढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव के एक दिन बाद मध्य प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है।
मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी देश की पांचवी सबसे लंबी नदी है और यह प्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक से निकलकर मध्य प्रदेश में 1,077 किलोमीटर तक बहती है।
भाषा दिमो शोभना
शोभना
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