कोलकाता, दो फरवरी (भाषा) शीर्ष बागान मालिकों के संगठन भारतीय चाय संघ (आईटीए) के अध्यक्ष विवेक गोयनका ने बुधवार को कहा कि उत्पादन लागत को पूरा करने के लिए चाय की न्यूनतम कीमत तय करने की जरूरत है।
पत्रकारों से वर्चुअल तरीके से बात करते हुए गोयनका ने कहा कि आईटीए ने चाय उद्योग पर एक समग्र अध्ययन करने के लिए अर्न्स्ट एंड यंग (ईएंडवाई) और खेतान एंड कंपनी को शामिल किया था। उन्होंने बताया और कहा कि चाय की न्यूनतम कीमत का विचार वहीं से निकला है।
उनके मुताबिक, ‘फ्लोर प्राइस’ (न्यूनतम कीमत) उत्पादन की लागत से तय होगा और नीलामी की कीमतें ‘फ्लोर प्राइस’ स्तर से ऊपर होंगी।
उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत चाय, उत्पादन लागत से कम 200 रुपये प्रति किलोग्राम से कम कीमत पर बिक रही है।’’ यह मूल्य स्तर चाय उद्योग के लिए टिकाऊ नहीं है।
नीलामी की कीमतों और निर्यात में गिरावट के साथ आईटीए ने कहा कि यह जरूरी है कि चाय के घरेलू खपत के स्तर को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति चाय की खपत पड़ोसी देशों की तुलना में कम है।
निर्यात बढ़ाने के लिए, उन्होंने कहा कि चाय उद्योग को वैश्विक अभियान चलाने और खरीदार-विक्रेता बैठकें आयोजित करने के लिए चाय बोर्ड और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए।
गोयनका ने कहा कि उत्पादन में वृद्धि मुख्य रूप से छोटे चाय उत्पादकों (एसटीजी) के कारण हुई, जो कुल उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रहे हैं।
गोयनका ने घटिया चाय के आयात में वृद्धि पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इससे भारतीय चाय का नाम ख्रराब होता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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