संगीता बकाया
रायबरेली (उत्तर प्रदेश), दो फरवरी (भाषा) अपने मौजूदा विधायक राकेश सिंह के भाजपा में जाने के बाद अपनी साख और नाक बचाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस ने हरचंदपुर विधानसभा सीट पर से अनुभवी राजनीतिज्ञ और पूर्व मंत्री सुरेंद्र विक्रम सिंह पर दांव लगाया है। पार्टी ने मतदाताओं से ‘विश्वासघाती’ को सबक सिखाने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस के टिकट पर 2017 विधानसभा चुनाव जीतने वाले राकेश सिंह, इस बार भाजपा के टिकट पर चुनावी समर में हैं। वहीं, हाल ही में पार्टी में शामिल हुए सुरेंद्र विक्रम सिंह को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है।
हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र रायबरेली जिले का हिस्सा है, जिसे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का गढ़ माना जाता है।
विधानसभा क्षेत्र के पेडपुर गांव में चुनाव प्रचार करते हुए सुरेंद्र विक्रम सिंह ने कहा, ‘‘मुझे टिकट दिए जाने के बाद, प्रियंका जी ने मुझे और अन्य सभी से कहा कि ‘गुंडागर्दी’ (आपराधिक कृत्य) में शामिल स्थानीय विधायक को खदेड़ने के लिए हर संभव प्रयास करें।’’ इस सीट पर चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है।
हालांकि, कोविड प्रोटोकॉल के कारण चुनावी प्रचार अभी धीमा है और फिलहाल सबका ध्यान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों/सीटों पर है क्योंकि वहां पहले मतदान होना है। इन सबके बीच, सिंह का काफिला जब एक निर्माणाधीन इमारत के पास जमा हुआ तो पार्टी समर्थकों ने उनके और प्रियंका गांधी वाद्रा के समर्थन में नारे लगाए।
स्थानीय लोगों द्वारा ‘विधायक जी’ के रूप में संबोधित किए जा रहे सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस को धोखा देने को लेकर मौजूदा विधायक के खिलाफ लोगों के मन में बहुत गुस्सा है, जिसने (कांग्रेस) उन्हें (राकेश) और उनके परिवार को सभी पद दिए थे।’’
सिंह ने कहा कि प्रियंका जी राज्य के अन्य हिस्सों में व्यस्त हैं और वह निश्चित रूप से बाद में यहां प्रचार के लिए आएंगी।
कांग्रेस की जिला इकाई के सचिव मनोज तिवारी ने कहा कि क्षेत्र ‘‘गद्दारों’’ को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मनोज तिवारी ने दावा किया, ‘‘जब उन्होंने (राकेश सिंह) सीट जीती थी तो उन्होंने पूरा श्रेय अपने भाइयों को दिया था, कांग्रेस को नहीं। लोगों को यह बात याद है।’’
हालांकि सुरेंद्र विक्रम सिंह भी एक बाहरी व्यक्ति हैं और 2002 और 2012 के विधानसभा चुनावों में बसपा और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में दो बार विधायक रहे हैं, लेकिन पार्टी (कांग्रेस) को लगता है कि वह चुनौती लेने के लिए सबसे अच्छा दांव है।
जिला इकाई के कांग्रेस प्रवक्ता ने विनय द्विवेदी ने बताया, ‘‘उनका चयन फीडबैक और पार्टी द्वारा उम्मीदवारों के चयन के लिए किए गए आंतरिक सर्वेक्षण पर आधारित है। वह जनता के नेता हैं जो ग्रामीण स्तर पर तक लोगों से जुड़े रहे हैं।’’
थोड़ी दूरी पर अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा और प्रचार कर रहे भाजपा प्रत्याशी राकेश सिंह ने बताया कि 2014 में भाजपा के केन्द्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस का समय समाप्त हो गया और अब यह चुनाव समाजवादी पार्टी के भाग्य का भी फैसला कर देगा।
सिंह ने कहा, ‘भाजपा इस तरह से काम कर रही है कि कम से कम सभी गांवों के कुछ लोगों को फायदा हो और इसलिए आने वाले चुनावों के लिए लोगों का समर्थन मांगते हुए उन्हें समझाना मुश्किल नहीं है।’’ उन्होंने कहा, लेकिन कांग्रेस सिर्फ चुनाव के वक्त वोट मांगने के लिए अपने नेताओं कार्यकर्ताओं को लेकर आती है, जो चुनाव खत्म होते ही लापता हो जाते हैं।
उन्होंने सोनिया गांधी के स्थानीय प्रतिनिधियों पर पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया।
राकेश सिंह ने कांग्रेस के हालिया नारे ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का हवाला देते हुए कहा, ‘यह इंदिरा जी या राजीव जी की कांग्रेस नहीं है, राहुल जी की तरह प्रियंका गांधी ने भी राजनीतिक परिपक्वता नहीं दिखाई है।’ उन्होंने कहा कि नारा उन लड़कियों का अनुचित चित्रण है जो दया और करुणा के लिए भी जानी जाती हैं।
समाजवादी पार्टी ने राहुल लोधी को मैदान में उतारा है, जिनकी पत्नी ने पिछली बार इसी सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था, जबकि बसपा ने शिव प्रकाश लोधी को टिकट दिया है।
कांग्रेस ने अभी तक रायबरेली सदर सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जहां से उसकी एक अन्य विधायक अदिति सिंह भाजपा में चली गईं और इन चुनावों में फिर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।
द्विवेदी ने कहा, ‘पार्टी जल्द ही सदर सीट से उम्मीदवार की घोषणा करेगी।’
हरचंदपुर में चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है।
भाषा संगीता जफर अर्पणा
अर्पणा
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