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Wednesday, 25 September, 2024
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विशेष आथिक क्षेत्र के लिये बजट में घोषणाओं से निर्यात को मिलेगी गति: ईपीसीईएस

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नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) बजट में मौजूदा विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) कानून की जगह नया नियम लाने के प्रस्ताव तथा इन क्षेत्रों में सीमा शुल्क प्रशासन में सुधार से कारोबार सुगमता को बेहतर करने, वृद्धि को गति देने तथा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। निर्यातोन्मुख इकाइयों और सेज के लिये निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीईएस) ने बुधवार को यह कहा।

ईपीसीईएस के चेयरमैन भुवनेश सेठ ने कहा कि प्रत्यक्ष कर लाभ वापस लेने के बाद विशेष आर्थिक क्षेत्र की लंबे समय से अनदेखी की जा रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक नये अधिनियम के माध्यम से लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने को लेकर सरकार के कदम का स्वागत करते हैं। ईपीसीईएस नया कानून बनाने में वाणिज्य विभाग, राजस्व विभाग, राज्य सरकारों के साथ-साथ एसईजेड का विकास करने वाली कंपनियों और इकाइयों और अन्य पक्षों के साथ मिलकर काम करेगा।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सेज के मौजूदा कानून की जगह नये नियम लाने का प्रस्ताव किया। इसका मकसद राज्यों को ‘उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास’ में भागीदार बनाना है।

मौजूदा सेज अधिनियम 2006 में बना था, जिसका उद्देश्य देश में निर्यात केंद्र बनाना और विनिर्माण को बढ़ावा देना था।

सेठ ने कहा कि बजट में सेज के सीमा शुल्क प्रशासन में बदलाव के प्रस्ताव के अमल में आने से कारोबार सुगमता और बेहतर होगी।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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