मुंबई, दो फरवरी (भाषा) एक नए अध्ययन से पता चला है कि हिंद महासागर में ‘समुद्री हीटवेव’ तेजी से बढ़ रही हैं और इससे भारत में मॉनसून की बारिश पर असर पड़ रहा है।
पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
‘समुद्री हीटवेव’ समुद्र या महासागर में असमान्य उच्च तापमान की एक छोटी अवधि होती है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि पहली बार कोई ऐसा अध्ययन हुआ है जिसने समुद्री हीटवेव और वायुमंडलीय परिसंचरण तथा बारिश के बीच निकट संबंध को दर्शाया है।
उन्होंने कहा कि चूंकि समुद्री हीटवेव की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है इसलिए समुद्री अवलोकन संबंधी गतिविधियों को बढ़ाने और मौसम से जुड़े मॉडल को उन्नत करने की आवश्यकता है।
जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल के नेतृत्व में हुए अध्ययन के अनुसार, इन घटनाओं से प्रवाल विरंजन (रंग बदलना), समुद्री घास का नष्ट होने और वनों के नुकसान से निवास स्थान नष्ट होते हैं तथा मत्स्य पालन के क्षेत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह अध्ययन जर्नल ‘जेजीआर ओशन्स’ में प्रकाशित हुआ है।
जलक्षेत्र के अंदर हुए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि तमिलनाडु के तट के निकट मन्नार की खाड़ी में 85 प्रतिशत प्रवालों का मई 2020 में समुद्री हीटवेव से रंग परिवर्तित हो गया था।
हालांकि हाल के अध्ययनों में इन घटनाओं के होने और वैश्विक महासागरों पर इनके प्रभावों के बारे में जानकारी दी है, लेकिन उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं है।
भाषा शोभना प्रशांत
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