नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) बजट 2022-23 पर उद्योग जगत के अगुवाओं की राय कुछ इस प्रकार रही:
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन:
‘‘बजट हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को आत्मानिर्भर बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है: एक डिजिटल महाशक्ति, निरंतरता में भरोसा रखने वाला नेता और एक स्वस्थ राष्ट्र।’’
वेदांता रिसोर्सेज के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल:
‘‘सबका प्रयास के लिए सरकार के आह्वान में हम उसके साथ खड़े हैं। निजी क्षेत्र राष्ट्र निर्माण, रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार और भारत की जनता के साथ मिलकर काम करेगा।’’
वेदांता समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील दुग्गल:
‘‘सतत और तेज रफ्तार वाले आर्थिक पुनरुद्धार के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश के साथ विकासोन्मुखी और विकास समर्थक बजट।’’
आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी:
‘‘एक बार फिर दूरदर्शी, भविष्योन्मुखी और विकासोन्मुखी बजट पेश करने के लिए मैं वित्त मंत्री को बधाई देता हूं। यह बजट एक प्रतिस्पर्धी और जुझारू भारत के निर्माण के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’
टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सीपी गुरनानी:
‘‘बजट वास्तव में समावेशी विकास की दिशा में भारत के दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित करता है।’’
फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कल्याण कृष्णमूर्ति:
‘‘यह विकासोन्मुखी और समावेशी तथा संतुलित बजट है जिसका ध्यान भौतिक तथा डिजिटल आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने,‘मेक इन इंडिया’ स्टार्ट अप परिवेश को बढ़ावा देने पर है।’’
महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा :
‘‘संक्षिप्तता हमेशा एक गुण रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सबसे छोटा बजट संबोधन सबसे प्रभावशाली साबित हो सकता है।’’
बायोकॉन की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ :
‘‘मुख्य रूप से जोर राजकोषीय मजबूती और कारोबार सुगमता पर रहा है। पूंजीगत व्यय में 35 फीसदी की वृद्धि से बुनियादी ढांचा और रोजगार बढ़ेगा। यह संतुलित बजट है।’’
आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमेन हर्ष गोयनका :
‘‘आज का बजट पूंजीगत व्यय, डिजिटल और कल्याण पर आधारित था। मैं भविष्य की स्पष्ट कल्पना कर सकता हूं।’’
डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा:
‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2022-23 ने संभवत: अल्पकालिक खपत को बढ़ावा देने की जनसाधारण आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया हो, लेकिन इसमें निश्चित रूप से प्रभावशाली दीर्घकालिक विकासोन्मुखी कदम के सभी तत्व हैं।’’
भाषा मानसी
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