चेन्नई, 31 जनवरी (भाषा) आईआईटी मद्रास के नेतृत्व वाले एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल ने एक प्रोटीन के जीन में मौजूद उस भिन्नता की पहचान की है, जो भारतीयों और अन्य दक्षिण एशियाई नागरिकों में डायबिटीज, हार्ट अटैक व हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप की समस्या) का खतरा बढ़ाती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह भिन्नता लगभग 15 फीसदी भारतीयों में मौजूद है। उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों में भिन्न जेनेटिक स्वरूप यह प्रोटीन मौजूद होता है, उनके डायबिटीज, हार्ट अटैक व हाइपरटेंशन का शिकार होने का खतरा डेढ़ गुना ज्यादा रहता है।
शोध दल में शामिल प्रोफेसर नितीश महापात्रा ने कहा, ‘दक्षिण एशियाई लोगों में हृदयरोग और चयापचय तंत्र संबंधी अन्य बीमारियों का जोखिम ज्यादा होता है। पर्यावरणरीय कारणों के अलावा इसके लिए हमारी जेनेटिक संरचना भी जिम्मेदार हो सकती है। हमने शोध में पाया कि ‘क्रोमोग्रेनिन’ प्रोटीन के जेनेटिक उपक्रम में मौजूद भिन्नताएं डायबिटीज, हार्ट अटैक व हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं।’
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पारुल उमा
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