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Monday, 23 September, 2024
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पंजाब, हरियाणा में किसानों ने मनाया ‘विश्वासघात दिवस’, केंद्र पर अपनी बात से मुकरने का आरोप लगाया

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चंडीगढ़, 31 जनवरी (भाषा) हरियाणा और पंजाब में कई स्थानों पर किसानों ने सोमवार को ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया, प्रदर्शन किया और केंद्र पर आरोप लगाया कि जब उन्होंने पिछले साल कृषि कानूनों (अब निरस्त किए गए) के खिलाफ अपना आंदोलन स्थगित कर दिया, उस समय केंद्र ने उनसे किए गए वादे अब तक पूरे नहीं किए।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले जिला मुख्यालयों पर किसानों ने ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने के लिए धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने कहा कि अगर सरकार दिसंबर 2021 में किसानों से किए गए अपने वादों से मुकरती रही तो उनके पास अपना आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

किसानों ने रेवाड़ी, चरखी दादरी, अंबाला, करनाल, झज्जर, भिवानी, रोहतक, गोहाना, फतेहाबाद, नारनौल, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर और पटियाला सहित दोनों राज्यों में कई जगहों पर तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया।

पंजाब में किसानों ने केंद्र का पुतला जलाया, जबकि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य एवं केंद्र सरकारों के पुतले जलाए गए। हरियाणा के हिसार में किसानों ने सचिवालय भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

किसान नेता शमशेर सिंह ने कहा कि एसकेएम के आह्वान पर विश्वासघात दिवस मनाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने वादा किया था कि किसानों के खिलाफ मामले वापस ले लिए जाएंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा तथा आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को नौकरी और मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अपने वादों से मुकर रही है। उनके वादों पर और पिछले साल हमने अपना आंदोलन स्थगित किया, लेकिन उसके बाद कोई प्रगति नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा कि किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

जिलाधिकारियों, एसडीएम और अन्य अधिकारियों के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे गए, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्र ने किसानों से किया गया अपना कोई भी आश्वासन पूरा नहीं किया है।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने भी एसकेएम के आह्वान पर पंजाब के 16 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि प्रदर्शन उपायुक्तों और अनुमंडल दंडाधिकारियों के कार्यालयों के बाहर किए गए। उन्होंने कहा कि किसानों को दिए गए अपने आश्वासन से मुकरने के विरोध में केंद्र सरकार का पुतला जलाया गया।

किसान संगठन किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पंजाब में कई जगहों पर इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया। एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा को नौ दिसंबर, 2021 को लिखे गए पत्र में भारत सरकार द्वारा किए गए लिखित आश्वासनों में से एक भी पूरा नहीं किया गया है। मोर्चा किसानों के धैर्य की परीक्षा के खिलाफ भाजपा सरकार को चेतावनी देता है और घोषणा करता है कि यदि किए गए वादों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो किसानों के पास आंदोलन फिर से शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।’’

भाषा सुरभि दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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