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Saturday, 21 September, 2024
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राष्ट्रपति अभिभाषण पर कांग्रेस ने कहा : यह सरकार की विफलता का भाषण था

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नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को आरोप राष्ट्रपति के अभिभाषण को ‘विफलता का भाषण’ करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि इसमें कुछ भी नया नहीं था और सरकार द्वारा जो वादे किए गए थे उनको पूरा करने के संदर्भ में आज कुछ नहीं कहा गया।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस सरकार ने 2022 तक चार करोड़ घर बनाने का वादा किया था, उसका इस अभिभाषण में उल्लेख नहीं है। यह भी कहा था कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना हो जाएगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया। श्रम से जुड़े काले कानूनों के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने को लेकर जो वादा किया गया था, वो नहीं किया।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पहले जो भी वादे किए गए थे, उनको पूरा नहीं किया गया। केंद्र सरकार में कई पद खाली है, रेलवे की नियुक्तियों में धांधली हो गई, उस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इस भाषण में कुछ नया नहीं है। यह सरकार की विफलता का भाषण था।’’

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘चीन, पाकिस्तान के दोहरे मोर्चे के हालात पर कुछ नहीं कहा गया। नगालैंड में नागरिकों की हत्या के बारे में कोई अफसोस नहीं जताया गया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्य का दर्जा बहाल करनी की कोई घोषणा नहीं हुई। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का भारत पर पड़ने वाले असर पर कुछ नहीं कहा गया। कोविड की दूसरी लहर में हुई मौतों को लेकर कोई माफी नहीं मांगी गई ।’’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को देश के विकास की लंबी यात्रा में ‘सामूहिक उपलब्धियों’ के रूप में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, कृषि उत्पादों की रेकॉर्ड खरीद, महिला सशक्तिकरण के दिशा में प्रयासों और आंतरिक सुरक्षा में सुधार जैसे अनेक कदम गिनाए।

संसद के बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अगले महीने विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए गोवा में मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के स्मारक के उद्घाटन, उत्तराखंड के जोलिंग कोंग जैसे दूरस्थ गांव को आधुनिक सड़क से जोड़ने, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे के निर्माण से लेकर संघर्षग्रस्त अफगानिस्तान से पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब के दो स्वरूपों को सुरक्षित भारत लाये जाने जैसे कदमों को रेखांकित किया।

भाषा हक हक माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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