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Saturday, 21 September, 2024
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केंद्रीय उपक्रमों की 3,400 एकड़ जमीन के मौद्रीकरण का प्रस्तावः समीक्षा

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नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के भूमि एवं अन्य गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण को त्वरित गति देने के लिए राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) का गठन किया है।

सोमवार को संसद में पेश वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, एनएलएमसी के पास केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की 3,400 एकड़ जमीन एवं अन्य परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण के प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।

एमटीएनएल, बीएसएनएल, बीपीसीएल, बीएंडआर, बीईएमएल, एचएमटी लिमिटेड और इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड जैसी सार्वजनिक इकाइयों ने भूमि मौद्रीकरण निगम के पास अपनी संपत्तियों के ब्योरे भेजे हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 2021-22 का बजट पेश करते समय सरकारी कंपनियों की जमीनों की बिक्री के लिए एक विशेष कंपनी के गठन की घोषणा की थी। उसी घोषणा के अनुरूप एनएलएमसी का गठन किया गया है।

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, ‘एनएलएमसी का गठन भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई के तौर पर किया जा रहा है। इसे 5,000 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर पूंजी के साथ गठित किया गया है।’

इसके मुताबिक, परिसंपत्ति मौद्रीकरण अभियान के तहत वर्ष 2021-22 से लेकर 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार की प्रमुख परिसंपत्तियों की बिक्री से छह लाख करोड़ रुपये जुटाए जाने की संभावना है। इनमें सड़कें, रेलवे, बिजली, तेल एवं गैस पाइपलाइन और दूरसंचार क्षेत्रों की परिसंपत्तियां ही करीब 83 फीसदी हैं।

अभी तक केंद्रीय उपक्रमों ने 3,400 एकड़ जमीन एवं अन्य गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण के प्रस्ताव भेजे हैं।

भाषा प्रेम पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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