जालना (महाराष्ट्र), 30 जनवरी (भाषा) महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने रविवार को राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर इस बात पर दुख जताया कि देश में गांधीजी की शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों की संख्या कम हो रही है जबकि उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा हावी हो रही है।
तुषार ने कहा कि केंद्र सरकार प्रगतिशील भारत के 75 गौरवशाली वर्ष और इसके समृद्ध इतिहास का उत्सव मनाने के लिए ‘आज़ादी का अमृत उत्सव’ मना रही है, लेकिन अब ‘अमृत’ नफरत का जहर बन गया है जो बढ़ रहा है और फैलाया जा रहा है।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर यहां गांधी अध्ययन केंद्र, जीईएस द्वारा आयोजित ‘कर के देख’ कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लेते हुए तुषार ने कहा, “महात्मा गांधी की शिक्षाएं क्षीण होती जा रही हैं और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की विचारधारा उस पर हावी हो रही है। लोगों का एक वर्ग इतिहास को तोड़-मरोड़ कर अपने तरीके से फिर से लिख रहा है। लेकिन हमें वास्तविक इतिहास को पुनर्जीवित करना होगा और समाज में नफरत और विभाजन के खिलाफ आवाज उठानी होगी।”
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नोमान रंजन
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