जयपुर, 30 जनवरी (भाषा) समय पर बुवाई और मावठ की अच्छी बारिश के चलते राजस्थान में इस साल सरसों की रिकार्ड 60 लाख टन पैदावार होने की उम्मीद है। देश में कुल सरसों उत्पादन में राजस्थान का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक है और ऐसे में राज्य को ‘सरसों प्रदेश’ घोषित करने की उठ रही है।
राज्य कृषि विभाग के अनुसार इस रबी सीजन में 3387.37 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है जो कि रिकॉर्ड है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार समय पर बुवाई, अच्छी ठंड पड़ने और अब अच्छी सर्दी की बारिश के कारण सरसों फसल के अच्छे से फूलने-फलने की उम्मीद है। इसका परिणाम बंपर पैदावार के रूप में मिलेगा।
मस्टर्ड आयल प्रोड्यूसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल राजस्थान में 36 लाख टन सरसों हुई थी। इस साल यह पैदावार लगभग दोगुनी, 60 लाख टन रहने का अनुमान है। उद्योग संगठन एसोचैम के अध्यक्ष राजस्थान अजय डाटा ने कहा कि देश के कुल सरसों उत्पादन में राजस्थान का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक है। ऐसे में राज्य को ‘सरसों प्रदेश’ घोषित किए जाने से यहां किसान और अधिक सरसों खेती को प्रोत्साहित होंगे और इसका फायदा किसानों से लेकर व्यापारियों तक राज्य की पूरी अर्थव्यवस्था को होगा। डाटा ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कहा,’राजस्थान के लिए यह भाग्यशाली साल है कि सरसों का उत्पादन पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुना, 60 लाख टन होने की उम्मीद की जा रही है। इसे देखते हुए राज्य सरकार को स्टॉक सीमा हटाने व इस जिंस पर कृषि मंडी टैक्स व कृषि उपकर जैसे मदों को समाप्त करने जैसे कदम उठाने चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि एसोचैम ने इसी सप्ताह राज्य स्तरीय कर परामर्शदात्री समिति की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था। सरसों रबी की प्रमुख फसलों में से एक है। देश में सरसों के पैदावार के लिहाज से चार सबसे बड़े राज्यों में राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश हैं। मस्टर्ड आयल प्रोड्यूसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के अनुसार इस साल 2021-22 देश में रिकॉर्ड 91 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है और कुल उत्पादन 115 लाख टन रहने का अनुमान है। राजस्थान कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस समय राज्य में 3387.37 लाख हेक्टेयर में सरसों लहलहा रही है। यह बुवाई क्षेत्र, लक्षित क्षेत्र (2800 लाख हेक्टेयर) का 120 प्रतिशत है। साल 2020-21 में बुवाई क्षेत्र 2700 लाख हेक्टेयर रहा था। यानी इस साल रिकार्ड बुवाई हुई है और पैदावार भी रिकॉर्ड रहने की उम्मीद है।
भाषा पृथ्वी संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.