तिरुवनंतपुरम, 29 जनवरी (भाषा) लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन के एलडीएफ सरकार के फैसले पर केरल में राजनीतिक विवाद थमता नहीं दिख रहा क्योंकि विपक्षी कांग्रेस के नेता वी. डी. सतीशन ने शनिवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी को पत्र लिख कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
सतीशन ने दशकों पुराने इस कानून में संशोधन के प्रस्तावित अध्यादेश को हाल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में कहा कि माकपा नीत सरकार का उद्देश्य राज्य में लोकायुक्त को कमजोर करना है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सतीशन ने अपने पत्र में येचुरी से 2011 और 2013 में राज्यसभा में दिये उनके (येचुरी के) स्वयं के तर्कों को याद करने का आग्रह किया, जिसमें लोकपाल को राजनीतिक नियंत्रण से “स्वायत्त, पारदर्शी, व्यापक और स्वतंत्र” बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, केरल लोकायुक्त अधिनियम 1999 में संशोधन के लिए प्रस्तावित अध्यादेश भ्रष्टाचार की रोकथाम को लेकर लोकपाल/लोकायुक्त को मजबूत करने के वास्ते आपकी पार्टी और आपके खुद के द्वारा अपनाये गये प्रगतिशील रुख का विरोधाभाषी है।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मौजूदा अधिनियम, ई.के. नयनार के नेतृत्व वाली तत्कालीन कम्युनिस्ट सरकार के नेतृत्व में लाया गया था, जिसमें भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए कड़े प्रावधान हैं।
उन्होंने येचुरी से राज्य सरकार को इस अध्यादेश को लागू नहीं करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।
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