नई दिल्ली: दिल्ली के शाहदरा स्थित इस निम्न मध्यम वर्गीय इलाके के करीब-करीब सभी लोगों ने उसे पिटते, गले में जूते की माला पहनाकर, चेहरा काला करके और सिर मुंडाकर परेड कराए जाते देखा. वह चिल्लाती रही, उसे आसपास की गलियों में इसी तरह घुमाया जाता रहा लेकिन किसी ने भी मदद का हाथ नहीं बढ़ाया, यहां तक कि उसके तमाम रिश्तेदारों ने भी दूर रहना ही बेहतर समझा. दिल दहला देने वाली इस घटना के बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता. पीड़िता के साथ जिस कमरे में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया, फिर मारपीट की गई, उसे अब बाहर से बंद कर दिया गया है.
आस-पड़ोस के कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बनाया, जबकि कुछ अपनी छतों से चुपचाप सब देखते रहे. हंसी उड़ाती भीड़ आरोपियों— जिसमें लगभग सभी महिलाएं थीं— के बैंड के पीछे-पीछे चलती रही. ये महिलाएं पीड़िता के साथ मारपीट करती चल रही थीं.
जानकारी के मुताबिक, 20 वर्षीय पीड़ित महिला, जो दो वर्षीय बेटे की मां है, का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था, उसे एक कमरे में बंद रखा गया, सामूहिक बलात्कार हुआ. इसके बाद उसका सिर मुंडाकर गली-मोहल्ले में घसीटते हुए लाठियों से पीटा गया. बुधवार को यह सारी घटना तब हुई जबकि दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में 73वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि घटना में शामिल महिलाओं ने नाबालिग युवकों को उसके साथ ‘अप्राकृतिक यौन संबंध (ओरल सेक्स)’ के लिए ‘उकसाया’ और ‘बाध्य’ किया. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने उनके निजी अंगों को उसके मुंह में घुसा दिया’ और साथ ही उसे ‘लाठियों से पीटा भी गया.’
इस वीभत्स और घृणित हमले का मकसद? पुलिस सूत्रों ने इस मामले के लिए ‘निजी दुश्मनी’ को जिम्मेदार बताया और कहा कि आरोपी ‘पीड़िता को एक 16 वर्षीय लड़के की मौत के लिए जिम्मेदार मानते हुए उसे सबक सिखाना चाहते थे.’
बताया जाता है कि पीड़िता उस किशोर को जानती थी, जिसने 12 नवंबर को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी. आरोपी परिवार ने लड़के की मौत के लिए पीड़िता को जिम्मेदार माना और उसे लगातार धमकाया और प्रताड़ित किया.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि किशोर और उक्त पीड़िता एक-दूसरे को तबसे जानते थे जब वह 16 साल की थी और वह लड़का 13 साल का था.
पुलिस ने बताया कि किशोर का बड़ा भाई, मां और पिता मामले में आरोपी हैं. 37 वर्षीय पिता एक हिस्ट्रीशीटर है जिसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.
पुलिस ने 26 जनवरी को 11 लोगों— जिसमें आठ महिलाएं, एक पुरुष और दो नाबालिग भी शामिल हैं— के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अपहरण, बंधक बनाने, शारीरिक और यौन उत्पीड़न और गैंगरेप जैसे आरोपों में एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि महिला ने 11 लोगों की पहचान की है जिन्हें प्राथमिकी में नामजद किया गया है. इसमें 16 वर्षीय किशोर के माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
शाहदरा के डीसीपी आर. सतियासुंदरम ने कहा, ‘पीसीआर कॉल मिलने के तुरंत बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची. उसने महिला को बचाया और उसका बयान दर्ज किया. आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए हर आवश्यक कार्रवाई और प्रयास किए जा रहे हैं. अब तक 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें नौ को गिरफ्तार किया गया है. इसमें दो नाबालिग हैं.’
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लकवाग्रस्त पिता, पीसीआर कॉल करना भी मुश्किल था
कस्तूरबा नगर स्थित पीड़िता के मायके में उसका दो साल का बच्चा रह-रहकर रोने लगता है. पीड़िता की बहन ने बताया कि वह कभी अपनी मां से दूर नहीं रहा है. वह उससे कहती रहती है, ‘मम्मी टीका लगवाने गई है.’
पीड़ित महिला को फिलहाल एक ‘सुरक्षित घर’ में रखा गया है, जहां वह अपने शारीरिक और मानसिक आघात से उबरने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को जब दिप्रिंट ने उसके घर का दौरा किया तो उसकी 18 वर्षीय छोटी बहन ने फोन पर पीड़िता के पति को बताया, ‘वह हिल-डुल भी नहीं सकती, उसकी पीठ पर तमाम घाव हैं. उन्होंने उसे बहुत बुरी तरह मारा, पूरे शरीर में चोट के निशान हैं.’
बहन ने बताया, ‘मैंने घटना के बाद से गुरुवार रात को केवल एक बार उससे बात की है. वह रोती रही और केवल अपने बेटे के बारे में पूछती रही.’ आरोपी उनके घर के ठीक सामने रहते हैं.
छोटे से एक कमरे के अपार्टमेंट में उसके पिता एक बिस्तर पर लेटे थे. 52 वर्षीय पिता कभी ऑटोरिक्शा चालक हुआ करते थे और कुछ साल पहले एक हादसे के शिकार हो गए और तबसे लकवे के शिकार हैं. हादसे ने कुछ हद तक उनका मानसिक संतुलन भी बिगाड़ दिया था. वो पूरे दिन जिस बिस्तर पर पड़े रहते हैं, उसके ठीक ऊपर उनकी पत्नी की एक तस्वीर लगी है, जिनकी 2020 में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. इनकी आजीविका का एकमात्र साधन प्रतिदिन ऑटो से मिलने वाले 300 रुपये ही है.
जब उनकी बेटी की परेड कराई जा रही थी और सार्वजनिक तौर पर उसके साथ मारपीट हो रही थी, तो उनके पास असहाय होकर पूरी घटना को देखने के अलावा कोई चारा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘मुझे व्हीलचेयर पर बैठाने और मेरी बेटी के पास ले जाने वाला कोई नहीं था.’
छोटी बहन ने बताया, ‘मेरी बहन चिल्लाती रही (कमरे में हमले के दौरान), सभी ने सुना, यह छोटा-सा इलाका है. लोग सड़कों पर आ गए और इस घटना पर बात करते रहे. लेकिन जिस कमरे में उसका यौन शोषण किया जा रहा था, उसका दरवाजा खोलने की किसी की हिम्मत नहीं हुई. वह बचाने की गुहार लगाती रही और हम सब कुछ सुनकर भी कुछ कर नहीं पा रहे थे.’
नौवीं कक्षा तक पढ़ी और फिर आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ देने वाली छोटी बहन ने कहा, ‘मुझे पीसीआर कॉल के लिए गिड़गिड़ाना पड़ा, क्योंकि भीड़ में मौजूद महिलाओं ने मेरा फोन छीन लिया था. मेरे साथ मेरा भतीजा था, इसलिए मैंने खुद को घर में बंद कर लिया था, नहीं तो वे मेरे साथ भी रेप कर सकते थे या फिर बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते थे. किसी ने हमारी मदद नहीं की, यहां तक कि हमारे अपने रिश्तेदारों ने भी नहीं.’
उसने बताया, ‘मैंने छत से देखा कि उन्होंने उसका सिर मुंडा दिया है, उसका चेहरे पर कालिख पोत दी और बार-बार थप्पड़ मारे जा रहे थे.’ साथ ही बताया कि उसके अच्छे खासे लंबे बाल थे.
बाद में एक रिश्तेदार ने दोपहर करीब एक बजे उसे फोन करने दिया.
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‘क्षेत्र में खराब छवि’
परिवार के मुताबिक, पीड़िता की शादी 2018 में हुई थी और वह अपने पति और छोटे बेटे के साथ कड़कड़डूमा में किराए के एक घर में रहती है, जो घटनास्थल से लगभग 10 मिनट की दूरी पर है.
हाल के महीनों में उसे अपना अता-पता गोपनीय रखना पड़ा था क्योंकि किशोर के आत्महत्या कर लेने के बाद से उसे डराने-धमकाने की कोशिशों का शिकार होना पड़ा था. बताया जाता है कि आत्महत्या करने वाला किशोर उससे ‘प्यार’ करता था.
दिप्रिंट ने जब पड़ोस में ही रहने वाली पीड़िता की चाची से घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने उस समय घर पर नहीं होने की बात कही. अधिकांश रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने घटना के बारे में कुछ बताने से इनकार कर दिया. सिवाय कुछ लोगों को छोड़कर, जिन्होंने बताया कि आरोपी परिवार अवैध शराब और मादक पदार्थों की बिक्र में लिप्त है. उन्होंने कहा कि परिवार की ‘छवि क्षेत्र में खराब है और कोई भी उनसे दुश्मनी मोल लेने की हिम्मत नहीं करता.’
‘मेरी भी मजबूरी थी’
26 जनवरी को सुबह करीब 11 बजे पीड़िता ने अपनी बहन को घर पर एक बोरी गेहूं लाने के लिए बुलाया था. 18 वर्षीय बहन ने आरोप लगाया कि वह जब ई-रिक्शा लेकर वहां पहुंची तो चार आरोपी एक ऑटोरिक्शे से उसका पीछा करते हुए वहां पहुंच गए.
छोटी बहन के मुताबिक, ‘जैसे ही मेरी बहन नीचे आई, उन्होंने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया और अपने ऑटो में बैठा लिया. उन्होंने बच्चे को भी छीनने की कोशिश की लेकिन मैंने किसी तरह उसे पकड़ लिया और रिक्शे में बैठकर ड्राइवर से तेजी से चलने को कहा. मुझे कॉल करते देखकर आरोपी महिलाओं में से एक ने मेरा फोन छीन लिया. एक लड़के ने मेरी गर्दन पकड़ ली. मैं किसी तरह घर पहुंची और दरवाजा बंद कर लिया.’
इसके बाद, थोड़ी देर बाद बहन ने देखा कि आरोपी पीड़िता को अपनी गली में ले आए हैं और फिर उसे कमरे में बंद कर दिया. वहां उसके साथ शारीरिक और यौन हमला किया गया और फिर गली में परेड कराई गई, उसे जब बुरी तरह पीटा जा रहा था तब आसपास के लोग जोरदार हूटिंग कर रहे थे.
छोटी बहन ने बताया, ‘मुझे अपनी बहन या बच्चे में किसी एक को बचाना चुनना पड़ा और वह चाहती थी कि मैं बच्चे को किसी तरह बचा लूं.’
उसने आरोप लगाया कि अगल-बगल की छत से भी लोग पूरी घटना देख रहे थे और जब उसने उनसे पुलिस को फोन करने की गुहार लगाई तो तो वे उससे सवाल करते रहे कि ऐसा क्यों करें. उन्होंने बताया कि पुलिस को कॉल करने से पहले करीब एक घंटे तक यह सब कुछ चलता रहा.
हमले के पीछे आरोपियों के मकसद के बारे में बहन का कहना है, ‘वे अपने लड़के की मौत के लिए मेरी बहन को जिम्मेदार मानते हैं.’
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लगातार मिल रही थी धमकियां
एक हफ्ते पहले 20 जनवरी को आरोपी परिवार ने पीड़िता की चाची के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी, जब वह उससे मिलने आई थीं. उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया और सिर मुंडाने की धमकी दी. बहन ने इस घटना के बाद पुलिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत की प्रति दिप्रिंट को दिखाई. हालांकि, इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी.
शिकायत में 18 वर्षीय बहन ने कहा था कि कैसे आरोपी परिवार उन लोगों को और साथ ही उनके यहां आने-जाने वाले किसी भी व्यक्ति को किस तरह परेशान कर रहा है और बलात्कार की धमकियां दे रहा है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘चाची को प्रताड़ित किए जाने के समय एक पीसीआर कॉल की गई थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों से बात की थी. हम अभी मामले की जांच कर रहे हैं.’
परिजनों का आरोप है कि 19 जनवरी को आरोपी ने परिवार के ऑटोरिक्शा में आग भी लगा दी थी.
छोटी बहन के मुताबिक, ‘आत्महत्या करने वाला किशोर मेरी बहन को फोन करके परेशान करता रहता था. अगर पिता बीमार नहीं होते तो वह घर भी नहीं आती. वह उससे कहती रही थी कि वह शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है, लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं था.’
इन बहनों की नानी हरियाणा में रहती हैं जो अभी शाहदरा स्थित आवास पर ही हैं. उन्होंने बताया कि अपहरण के ठीक पहले ही उनकी अपनी नातिन से बात हुई थी.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘मैंने उस दिन करीब 11 बजे उसे फोन किया, उसने बताया कि वह ठीक है और छोटी बहन गेहूं की बोरी लेकर आ रही है. अगले दो मिनट के भीतर, मैंने उसे फोन पर चिल्लाते सुना, इसके बाद फोन कट गया.’
नानी ने बताया, ‘उन्होंने हमें यह कहकर धमकाया था कि लड़कियों का अपहरण और बलात्कार किया जाएगा. छोटी बहन तो इतनी डरी हुई थी कि वह दिसंबर में हमारे साथ हरियाणा में ही रही थी और कुछ समय पहले ही वापस गई थी.’
शाहदरा इलाके में मूलत: प्रवासी आबादी रहती है जो ज्यादातर व्यापार में लगे हैं, या छोटे-मोटे कारोबार करते हैं.
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