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Sunday, 29 September, 2024
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तमिलनाडु के IAS ऑफिसर ने पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए दिया इस्तीफा, सिद्धू के खिलाफ उतरेंगे मैदान में

अतिरिक्त मुख्य सचिव जगमोहन सिंह राजू ने सीएम स्टालिन को लिखे अपने त्याग पत्र में कहा कि पंजाब की 'दर्दनाक' स्थिति उन पर भारी पड़ रही है. वह अब राजनीति की ओर रुख कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: तमिलनाडु के अतिरिक्त मुख्य सचिव जगमोहन सिंह राजू अपनी मर्जी से लेने वाली सेवानिवृत्ति गुरुवार को स्वीकार कर ली गई. इसी के कुछ घंटों बाद उन्हें पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया.

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को लिखे अपने त्याग पत्र में मंगलवार को राजू ने कहा कि उनके गृह राज्य ‘पंजाब की दर्दनाक स्थिति’ उनके विवेक पर भारी पड़ रही है और इसलिए उन्हें कुछ करने की जरूरत महसूस हुई क्योंकि वह अपनी ‘मिट्टी के पुत्र’ हैं.

गुरुवार की देर शाम स्टालिन सरकार द्वारा उनका इस्तीफा स्वीकार करने के बाद बीजेपी ने उन्हें अमृतसर पूर्व से उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा. उनका मुकाबला कांग्रेस पंजाब के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से होगा.

सूची जारी होने से पहले दिप्रिंट से बात करते हुए, राजू ने बताया कि पिछले दो वर्षों से, वह राज्य के विकास के लिए काम करने के लिए पंजाब लौटने के लिए उत्सुक थे.

उन्होंने कहा, ‘मैंने 1980 के दशक में पंजाब को तमिलनाडु के लिए छोड़ दिया था. जब मैंने इसे छोड़ा तो यह सभी मानकों में सबसे ऊपर था, अब यह आर्थिक विकास, कृषि की स्थिति, सामाजिक न्याय आदि हर पहलू में बुरी तरह से नीचे गिर गया है. तमिलनाडु ऊपर चला गया और पंजाब नीचे गिर गया.’

भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामित होने से पहले, राजू ने अपनी पार्टी की पसंद को लेकर कहा कि वे केंद्र में मौजूद किसी भी पार्टी के साथ काम करने के लिए तैयार हैं क्योंकि पंजाब के विकास की राह केंद्र से होकर ही गुजरती है.

राजू, जो ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं, ने नवंबर में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा था कि ‘दया और उदारता एक राजनेता के गुण हैं’

तमिलनाडु कैडर के 1985-बैच के एक आईएएस अधिकारी, राजू कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक विजिटिंग फेलो भी हैं और उन्होंने 2016 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से सार्वजनिक नीति में पीएचडी की है. उनकी पत्नी अनु सिंह एक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की सदस्य हैं.

दिप्रिंट से बात करते हुए राजू ने वर्तमान पंजाब की स्थिति पर निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा, ‘क्या पंजाब में चुनाव है? मैंने जो कुछ सुना वह गली-गलोच है. उम्मीदवार सिर्फ एक दूसरे को गालियां दे रहे हैं, कोई पंजाब के विकास की बात नहीं कर रहा है. क्या पंजाब इसके लायक है?’

तमिलनाडु में 22 साल की उम्र में अपने IAS करियर की शुरुआत और दो दशकों से अधिक समय तक राज्य में सेवा करने के बाद, राजू ने समझाया कि तमिलनाडु से सीखने के लिए बहुत कुछ है – पेरियार की शिक्षाओं से लेकर स्वाभिमान के इतिहास तक.

स्टालिन को लिखे अपने पत्र में, राजू ने कहा कि जब पेरियार की जयंती पर सीएम ने सामाजिक न्याय की शपथ दिलाई तो उनकी ‘अंतरात्मा में हलचल’ हुई. उन्होने कहा कि उन्हें स्टालिन की भावना का अनुकरण करना होगा और राजू ने यह भी कहा कि वह बी.आर. अम्बेडकर और गुरु नानक ‘लोगों की सेवा करने के नक्शेकदम पर चलना होगा’ .

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और पंजाब कई मायनों में एक जैसे हैं, क्योंकि दोनों मजबूत क्षेत्रीय दलों द्वारा शासित हैं. फर्क सिर्फ इतना था कि पंजाब नीचे चला गया था जबकि तमिलनाडु ऊपर उठ गया था.

राजू ने कहा, ‘मैं एक प्रशिक्षित नौकरशाह हूं और मैंने विभिन्न सरकारों के साथ काम किया है. विचारधारा मुझे परेशान नहीं करती, पंजाब का कल्याण करता है’

राजू के इस कदम के बारे में बोलते हुए, तमिलनाडु के एक वरिष्ठ सिविल सेवक, जिन्होंने पहले उनके साथ काम किया था, ने दिप्रिंट को बताया: ‘यह सिर्फ एक नौकरशाह का मामला है जो सेवानिवृत्त हो गया है जो अब राजनीति में शामिल हो गया है.’


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