वाराणसी, 27 जनवरी (भाषा) काशी की गुलाबी मीनाकारी एकबार फिर दुनिया में अपनी खूबसूरती की चमक बिखेर रही है। कोरोना के बावजूद इस उद्योग ने पिछले तीन महीनों में करीब एक करोड़ रुपये का कारोबार किया है और कारीगरों के पास अगले दो माह के लिए ऑर्डर हैं।
दशकों से ‘कराह’ रहा गुलाबी मीनाकारी उद्योग पिछले सात साल से पुरानी रंगत में लौट आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उद्योग को ऐसा ‘पर’ लगाया कि यह उड़ान भरने लगा। साथ ही घरेलू बाजार में भी इसकी मांग बढ़ी है। दीपावली, शादी और कॉरपोरेट उपहार के लिए गुलाबी मीनाकारी के उत्पाद लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।
कोरोना की तीसरी लहर में भी गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों की मांग कम नहीं हुई है। ग़ुलाबी मीनाकारी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले कुंज बिहारी ने बताया कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में करीब एक करोड़ का कारोबार हुआ है और आने वाले दो महीनों के ऑर्डर बुक हो चुके है।
कुंज बिहारी का मानना है कि वाराणसी के इस खास हुनर को जीआई टैग मिलने के बाद इससे जुड़े कारीगरों को नई पहचान मिली है। वाराणसी में गुलाबी मीनाकारी के काम में करीब 75 से 80 परिवार के 300 से अधिक लोग जुड़े हैं।
वाराणसी जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका समेत अन्य देशों के राजनेताओं को गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार स्वरूप दिया है और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से जीआई उत्पाद को उपहार में देने की अपील की है, तबसे इन उत्पादों के काम में तेजी आई है। व्यापार से जुड़े लोग बताते हैं कि उद्योग दोबारा खड़ा हो गया है।
गौरतलब है कि गुलाबी मीनाकारी सोने और चांदी दोनों ही की सुंदरता में चार चांद लगाती है। दोनों धातुओं को शुभ माना जाता है, इसलिए शादी में गुलाबी मीनाकारी के गणेश जी के डिमांड ज्यादा रहती है। साथ ही उपहार के लिए मोर की भी मांग खूब है।
भाषा सं रंजन अजय
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