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Friday, 15 November, 2024
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विदेशी बाजारों में तेजी से सरसों को छोड़कर बाकी खाद्य तेलों की कीमतों में सुधार

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नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों तेल-तिलहन को छोड़कर बाकी खाद्य तेलों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत की तेजी थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में कल रात 2.25 प्रतिशत मजबूत रहने के बाद फिलहाल 1.5 प्रतिशत की मजबूती है।

सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि विदेशी बाजारों को भारत की तेल आयात पर निर्भरता की मजबूरी का अहसास हो गया है क्योंकि यहां शुल्क कम करते ही विदेशों में अनाप-शनाप भाव बढ़ा दिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शुल्क घटा लिए और अब उसके पास क्या रास्ता बचा है? सूत्रों ने कहा कि विदेशों पर निर्भरता हमारे लिए जोखिम बन सकती है और लोगों को दिक्कतें पेश आ सकती हैं। इसलिए यदि सरकार को देश के तिलहन उद्योग, अर्थव्यवस्था को सुधारना है तो इस संकट का एकमात्र उपाय देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ाना ही हो सकता है जिसके लिए किसान समुदाय को भरोसे में लेते हुए उन्हें प्रोत्साहन देकर तिलहनों की खेती को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करे, बाकी तिलहन उत्पादन बढ़ाने का समाधान खुद किसान निकाल देंगे।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग काफी कमजोर रहने से सोयाबीन तिलहन के भाव गिरावट के साथ बंद हुए। वहीं विदेशी बाजारों की तेजी को देखते हुए सोयाबीन तेलों के भाव में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि सरसों की नयी फसल आने से पहले बचे-खुचे सौदे बाजार में खपाये जाने से सरसों तेल-तिलहन के भाव गिरावट के साथ बंद हुए। एक डेढ़ महीने में सरसों की नयी फसल आने के बाद ही स्थिति में सुधार की उम्मीद है जब तक सरसों में घटबढ़ जारी रहने की संभावना है।

विदेशों में तेजी के बीच मांग में सुधार के करण मूंगफली तेल-तिलहन के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तेल-तिलहन की वजह से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया। मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी लाभ दर्ज हुआ।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को सरसों तेल में ब्लेंडिंग की निगरानी जारी रखनी होगी।

सामान्य कारोबार के बीच बाकी तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 8,345 – 8,375 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली – 5,815 – 5,905 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,000 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,945 – 2,070 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 17,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,535 -2,660 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,715 – 2,830 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,050 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,950

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,690 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,300 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,850 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,800 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 6,350 – 6,400, सोयाबीन लूज 6,210 – 6,265 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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