अगरतला, 26 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया और कहा कि शांति प्रिय देश भारत पूरे विश्व में भाईचारा तथा सौहार्द्र का संदेश फैलाता रहा है।
भागवत ने यह भी कहा कि तिरंगे झंडे में शीर्ष पर मौजूद केसरिया रंग साहस, बलिदान और जोश को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि ये विशेषताएं भारत के प्राचीन काल के शासकों और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन एवं दर्शन में देखी जा सकती हैं।
उन्होंने झंडे के निचले हिस्से में मौजूद हरे रंग को ‘प्रगति का प्रतीक’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘प्राचीन काल से ही भारत आध्यात्मिक देश रहा है, झंडे के बीच में धर्मचक्र भारत के लोगों द्वारा अनुकरण किये जाने वाले सामाजिक-सांस्कृतिक दर्शन के महत्व को दर्शाता है। ’’
भागवत ने यहां सेवा धाम, खायेरपुर में कहा, ‘‘भारत एक शांतिप्रिय देश है। यह भाईचारा और सौहार्द्र का संदेश शेष विश्व में फैलाता है। भारत प्रकृति की पूजा करता है।’’
आरएएस प्रमुख ने दक्षिण पंथी संगठन के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र सही मायने में भारत के प्राचीन गणराज्यों में जीवन एवं दर्शन में प्रदर्शित हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के प्राचीन गणराज्यों में जीवन एवं दर्शन में लोकतंत्र सही मायने में प्रदर्शित हुआ था…आज भारत के लोकतंत्र को वैशाली, लिच्छवी जैसे प्राचीन गणराज्यों की लोकतांत्रिक प्रणाली के अनुरूप अवश्य ही गौरवान्वित करना चाहिए।’’
भाषा
सुभाष माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.