नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अरुणाचल प्रदेश की झांकी में ‘एंग्लो-अबोर (आदि) युद्धों’ में राज्य के आदिवासियों, विशेष रूप से सियांग क्षेत्र के आदिवासियों के प्रतिरोध को दर्शाया गया, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के औपनिवेशिक विस्तार की साम्राज्यवादी नीति के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।
झांकी के सामने के हिस्से में एक अबोर (आदि) योद्धा और हमलावरों से रक्षा करने वाले दो योद्धाओं की प्रतिमा लगाई गई थी। झांकी के पिछले हिस्से में एंग्लो अबोर (आदि) युद्ध का अनुक्रम दर्शाया गया, जो 1858 और 1912 के बीच लड़ा गया था।
अंग्रेज ‘आदि भूमि’ में घुस कर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। हालांकि, आदिवासियों के अदम्य साहस के चलते वे अधिक समय तक वहां नहीं टिक सकें। आदिवासियों ने अपनी भूमि को स्वतंत्र रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था।
अंग्रेजों और आदिवासियों के बीच क्षेत्र में चार बार युद्ध हुए। पहला युद्ध 1858 में, दूसरा 1859 में, तीसरा 1893-94 और चौथा युद्ध 1911-12 में हुआ था।
भाषा जोहेब सुभाष
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