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Wednesday, 25 September, 2024
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गणतंत्र दिवस: कर्नाटक की झांकी में समृद्ध लोक कला, हस्तशिल्प का नजारा देखने को मिला

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नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) राजपथ पर बुधवार को आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक की समृद्ध हस्तकला का नजारा देखने को मिला।

मैसूर के शीशम से तैयार विशेष नक्काशी वाली हाथी की एक विशालकाय प्रतिमा, मनमोहक बिदरी धातु शिल्पियां, कांस्य कलाकृतियां और चन्नापटना के खिलौनों के अलावा हाथ से बुनी साड़ियां ‘कर्नाटक : पारंपरिक हस्तकला का पालना’ थीम पर आधारित झांकी का मुख्य आकर्षण थीं।

कर्नाटक की झांकी में राज्य की प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेना कमलादेवी चट्टोपाध्याय के जीवन की भी झलक दिखी। कमलादेवी चट्टोपाध्याय को ‘भारत के पारंपरिक हस्तकला की जननी’ कहा जाता है। उन्हें ‘बागीना’ की पेशकश करते दिखाया गया, जिसमें चंदन की लकड़ी से निर्मित एक डिब्बी, मोर की आकृति वाले दीपक और केले के पत्तों से तैयार बैग शामिल थे।

कर्नाटक दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य था जिसकी झांकी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए चुना गया था।

राज्य के अधिकारियों ने कहा, ‘‘कर्नाटक की टेराकोटा, चंदन और हाथी दांत से जुड़ी कला अद्वितीय है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है कि राज्य के 55,000 कारीगरों को इस डिजिटल युग में बाजारों तक सुगम पहुंच प्राप्त हो।’

भाषा पारुल देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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