नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) बिहार सरकार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सूचित किया है कि उसने कुछ साल पहले के मुजफ्फरपुर में एक बालिका आश्रय गृह में यौन उत्पीड़न की 49 पीड़ितों को 3 से 9 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि एनएचआरसी ने 29 नवंबर, 2018 की तिथि वाली एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था। आयोग के साथ-साथ दिल्ली की एक निचली अदालत ने पीड़ितों को गुण-दोष के आधार पर मुआवजे की सिफारिश की थी।
मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा कि ‘‘एनएचआरसी को बिहार सरकार ने सूचित किया है कि उसने मुजफ्फरपुर के एक आश्रय गृह में यौन उत्पीड़न की 49 पीड़ितों को 3 से 9 लाख रुपये का भुगतान किया है।’’
उसने कहा, ‘‘कार्रवाई रिपोर्ट से पता चलता है कि एक प्राथमिकी … 31 मई, 2018 को दर्ज की गई थी और बाद में जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी गई थी और जांच के बाद, 20 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था, जिनमें से 19 को साकेत, नयी दिल्ली की एक निचली अदालत ने दोषी ठहराया था।’’
अधिकारियों ने कहा कि आयोग को यह भी बताया गया है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह चलाने वाले एनजीओ का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और जिस भवन में वह स्थित था उसे अदालत के आदेशों के अनुपालन में ध्वस्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की पूरी जांच और निचली अदालत द्वारा सुनवाई एक निर्धारित अवधि के भीतर संपन्न हुई।
भाषा अमित उमा
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