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Friday, 22 November, 2024
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया देश को संबोधित, कहा-कोरोना से सावधानियों का पालन करना ‘राष्ट्र-धर्म’

1930 में महात्मा गांधी ने देशवासियों को 'पूर्ण स्वराज दिवस' मनाने का तरीका समझाया था. यथाशक्ति रचनात्मक कार्य करने का गांधीजी का यह उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेगा.

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नई दिल्ली: मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. 73 गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ने देश और विदेश में रहने वालों को बधाई देते हुए कहा कि ‘आप सभी भारत के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई! हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का यह उत्सव है.’

उन्होंने कहा कि ‘गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया.’

राष्ट्रपति ने स्वत्रंता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को याद करते हुए कहा कि ‘दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है.’

राष्ट्रपति कोविंद ने स्वच्छता अभियान को सफल बताते हुए कहा कि ‘आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करने के मूल कर्तव्य को निभाते हुए हमारे करोड़ों देशवासियों ने स्वच्छता अभियान से लेकर कोविड टीकाकरण अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है। ऐसे अभियानों की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय हमारे कर्तव्य-परायण नागरिकों को जाता है.’

उन्होंने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि ‘सन 1930 में महात्मा गांधी ने देशवासियों को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का तरीका समझाया था. यथाशक्ति रचनात्मक कार्य करने का गांधीजी का यह उपदेश सदैव प्रासंगिक रहेगा.’

उन्होंने आगे कहा कि ‘गांधीजी चाहते थे कि हम अपने भीतर झांक कर देखें, आत्म-निरीक्षण करें और बेहतर इंसान बनने का प्रयास करें और उसके बाद बाहर भी देखें, लोगों के साथ सहयोग करें और एक बेहतर भारत तथा बेहतर विश्व के निर्माण में अपना योगदान करें.’

कोरोना से सावधानियों का पालन करना ‘राष्ट्र-धर्म’

राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे गर्व होता है कि हमने कोरोना के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया है. उन्होंने सांत्वना जताते हुए आगे कहा कि अनगिनत परिवार, भयानक विपदा के दौर से गुजरे हैं. हमारी सामूहिक पीड़ा को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं लेकिन एकमात्र सांत्वना इस बात की है कि बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है.

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कोविड महामारी का प्रभाव अभी भी बड़े स्तर पर बना हुआ है.हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में तनिक भी ढील नहीं देनी चाहिए. हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है. कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना आज हर देशवासी का राष्ट्र-धर्म बन गया है. यह राष्ट्र-धर्म हमें तब तक निभाना ही है, जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता.

उन्होंने आगे कहा कि ‘कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है.’


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छोटे और मझोले उद्यमों ने दी अर्थव्यवस्था को गति

उन्होंने कहा कि ‘लोगों को रोजगार देने और अर्थ-व्यवस्था को गति प्रदान करने में छोटे और मझोले उद्यमों ने अहम भूमिका निभाई है. हमारे इनोवेटिव युवा उद्यमियों ने स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम का प्रभावी उपयोग करते हुए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं.’

राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा कि ‘जन-संसाधन से लाभ उठाने यानि डेमोग्राफिक डिविडेंड प्राप्त करने के लिए, हमारे पारंपरिक जीवन-मूल्यों और आधुनिक कौशल के आदर्श संगम से युक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये सरकार ने समुचित वातावरण उपलब्ध कराया है.’

उन्होंने कहा कि ‘मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है. यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं.’

उन्होंने आगे कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थ-व्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है.

सशस्त्र बलों में महिला सशक्तीकरण

राष्ट्रपति कोविंद ने ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन देशवासियों को प्रेरित करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि ‘पिछले वर्ष ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. उन युवा विजेताओं का आत्मविश्वास आज लाखों देशवासियों को प्रेरित कर रहा है.’

उन्होंने कहा कि ‘हमारे सैनिक और सुरक्षाकर्मी देशाभिमान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारे सशस्त्र बल तथा पुलिसकर्मी देश की सीमाओं की रक्षा करने तथा आंतरिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए रात-दिन चौकसी रखते हैं ताकि अन्य सभी देशवासी चैन की नींद सो सकें.’

राष्ट्रपति कोविंद ने जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि जब कभी किसी वीर सैनिक का निधन होता है तो सारा देश शोक-संतप्त हो जाता है। पिछले महीने एक दुर्घटना में देश के सबसे बहादुर कमांडरों में से एक – जनरल बिपिन रावत – उनकी धर्मपत्नी तथा अनेक वीर योद्धाओं को हमने खो दिया. इस हादसे से सभी देशवासियों को गहरा दुख पहुंचा.

उन्होंने कहा कि ‘सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मुझे यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यह वर्ष सशस्त्र बलों में महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण रहा है.’

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि ‘हमारी सभ्यता प्राचीन है परन्तु हमारा यह गणतंत्र नवीन है. राष्ट्र निर्माण हमारे लिए निरंतर चलने वाला एक अभियान है. जैसा एक परिवार में होता है, वैसे ही एक राष्ट्र में भी होता है कि एक पीढ़ी अगली पीढ़ी का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करती है.’


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